तीन साल से बीमार है खेतों की सेहत परखने वाली लैब

-नहीं हैं जांच के लिए उपकरण नहीं हो पाती मिट्टी और भूजल के सैंपल की जांच

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 06:10 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 06:10 PM (IST)
तीन साल से बीमार है खेतों की सेहत परखने वाली लैब
तीन साल से बीमार है खेतों की सेहत परखने वाली लैब

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

ताज्जुब की बात है कि बहादुरगढ़ के अंदर खेतों की सेहत परखने वाली लैब ही तीन साल से भी ज्यादा समय से बीमार पड़ी है। मिट्टी और भूजल के नमूनों की जांच करने के लिए यहां पर कोई व्यवस्था ही नहीं है। ऐसे में लैब के नाम पर यहां सिर्फ भवन खड़ा है, एक सैंपल तक की जांच नहीं होती। जरूरी सैंपलों को जांच के लिए झज्जर भेजा जाता है। मगर इससे बात नहीं बन पा रही।

एक तरफ तो सरकार और विभाग की तरफ से किसानों को खेतों की मिट्टी और भूजल की जांच कराने को प्रेरित किया जाता है, मगर दूसरी तरफ खुद सरकार की जांच व्यवस्था ठप है। कृषि विभाग कार्यालय में खेतों की मिट्टी और भूजल के सैंपल की जांच के लिए लैब तो बनाई गई है, मगर यहां पर अब काफी समय से जांच व्यवस्था ठप है। पहले तो यहां पर टेक्निशयन, प्रयोगशाला सहायक, जूनियर साइंटिफिक असिस्टेंट के पद ही खाली थे। अब यहां पर कुछ नियुक्तियां तो हुई हैं, लेकिन अब यहां पर जांच के लिए उपकरण भी नहीं हैं। जब जांच के लिए उपकरण ही न हो तो जाहिर सी बात है कि स्टाफ का होना या न होना एक ही बात है। जरूरी है मिट्टी और भूजल की जांच :

खेतों की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने और मुनाफे की पैदावार लेने के लिए खेतों की मिट्टी और भूजल की जांच जरूरी है। इसी जांच से यह पता चलता है कि मिट्टी में कौन से सूक्ष्म और पौषक तत्वों की कमी है। साथ ही मिट्टी और भूजल किस फसल के लिए अनुकूल है और किसके लिए नहीं। इसके बाद ही किसान खेतों में जरूरत पोषक और सूक्ष्म तत्वों की कमी पूरी करके उपजाऊ शक्ति को बरकरार रख सकते हैं और फसल का सही चयन भी कर सकते हैं। मगर विडंबना यह है कि ऐसी व्यवस्था की देखभाल ही सरकार नहीं कर रही है। वर्जन.

बहादुरगढ़ की लैब में जरूरी उपकरण के लिए डिमांड भेजी गई है। भवन की मरम्मत की भी जरूरत है। जरूरी सैंपल की झज्जर में जांच की जाती है।

-अशोक चाहर, एसीओ, झज्जर

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