कूड़ा प्रबंधन केंद्र पर कंपनी ने नहीं बनाया ड्रेनेज सिस्टम, जमीनी सतह पर बहता रहता है दूषित पानी, सैंपल भी हुआ फेल

- करोड़ों के प्रोजेक्ट में खामियां ही खामियां नगर परिषद के नोडल अफसर व निरीक्षण अधिकारी नहीं दे रहे इस तरफ कोई ध्यान - नगर परिषद के अधिकारियों की देखरेख में होता है काम मगर अधिकारी कभी-कभार ही करते हैं केंद्र का निरीक्षण

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 09:55 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 09:55 PM (IST)
कूड़ा प्रबंधन केंद्र पर कंपनी ने नहीं बनाया ड्रेनेज सिस्टम, जमीनी सतह पर बहता रहता है दूषित पानी, सैंपल भी हुआ फेल
कूड़ा प्रबंधन केंद्र पर कंपनी ने नहीं बनाया ड्रेनेज सिस्टम, जमीनी सतह पर बहता रहता है दूषित पानी, सैंपल भी हुआ फेल

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

नगर परिषद के नया गांव स्थित कूड़ा प्रबंधन केंद्र पर लीचेट को खत्म करने वाले करीब 19 करोड़ के प्रोजेक्ट में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। नियमों की सरेआम उल्लंघना की जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मानें तो इस प्रोजेक्ट में खामियां ही खामियां हैं। एक तरफ तो लीचेज को खत्म करने का काम लेने वाली कंपनी ने एनवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं ले रखी तो दूसरी ओर यहां पर कोई ड्रेनेज सिस्टम भी कंपनी नहीं बना रखा है। ऐसे में लीचेट से निकला दूषित पानी जमीनी सतह पर ही बहता रहता है। इस पानी को साफ करने के लिए एफलुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) तो लगा रखा है लेकिन इस प्लांट से पानी पूरी तरह साफ नहीं किया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पिछले दिनों यहां का निरीक्षण किया गया था और ईटीपी से साफ हो रहे पानी का सैंपल लिया गया था। सैंपल की अब रिपोर्ट आ गई है और यह फेल पाया गया है। दूषित पानी के पैरामीटर निर्धारित मात्रा से काफी अधिक हैं। ऐसे में बोर्ड की ओर से कंपनी व नगर परिषद के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई शुरू कर दी है। करोड़ों के इस प्रोजेक्ट में जहां कंपनी की ओर से लापरवाही बरती जा रही है वहीं नगर परिषद के अधिकारी भी इसके लिए इतने ही जिम्मेदार हैं। अधिकारी नियमित निरीक्षण में कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। अधिकारी कभी-कभार ही इस प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने जाते हैं। इस तरह खुले में लीचेट व दूषित पानी छोड़ना नियम के खिलाफ:

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार निर्धारित मात्रा से ज्यादा मात्रा वाले लीचेट एफलुएंट, दूषित पानी आदि को बिना ट्रीट किए किसी ड्रेन, नदी, नाले व जमीन में डालना वाटर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल एक्ट) एक्ट 1974 और एनवायरमेंट प्रोजेक्ट 1986 की सरेआम उल्लंघना है। यह है सैंपल की रिपोर्ट:

पैरामीटर परिणाम निर्धारित मात्रा

सस्पेंडिड सोलिड 244 100

बीओडी 95 30

सीओडी 304 250

आयल एंड ग्रीस 12 10

नोट: मात्रा की इकाई मिलीग्राम प्रति लीटर में है। वर्जन..

नया गांव के कूड़ा प्रबंधन केंद्र पर लीचेज को डिस्पोज करने वाली साइट का निरीक्षण किया गया था। यहां पर ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। जमीनी सतह पर ही पानी बहता रहता है। ईटीपी को लगा हुआ है। ईटीपी की आउटलेट से सैंपल लिया गया, जो फेल पाया गया। ऐसे में संबंधित कंपनी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

-दिनेश यादव, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बहादुरगढ़: वर्जन..

नया गांव की डंपिग साइट का निरीक्षण कर जल्द ही संबंधित कंपनी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। जो भी खामियां हैं उन्हें दूर करवाया जाएगा।

-योगराज छिकारा, कार्यकारी अभियंता, नगर परिषद, बहादुरगढ़।

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