वैश्य बीएड की छात्राओं ने विश्व एड्स दिवस पर स्कूली विद्यार्थियों को किया जागरूक
उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि एचआइवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
वैश्य बीएड कालेज की एनएसएस और वाईआरसी वालंटियर्स ने विश्व एड्स दिवस पर स्कूलों के छात्र-छात्राओं को सहायक सामग्री की सहायता से एड्स के प्रति जागरूक किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि एचआइवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। एचआइवी एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। इसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस यानि एचआइवी के नाम से जाना जाता है। महाविद्यालय की प्राचार्या डा. आशा शर्मा ने अपनी पीएचडी के शोध में भी इसी गंभीर विषय को चुना और तब से वे लोगों को इसके प्रति जागरूक कर रही है। उन्होंने बताया कि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के रक्त, एचआइवी पाजीटिव मां से उसके बच्चे को, पहले से इस्तेमाल की गई संक्रमित सुई से इंजेक्शन लगाने से फैलता है। यह एक ही वाशरूम, टायलेट इस्तेमाल करने और यहां तक कि खांसने, छींकने और थूकने के इस्तेमाल से नहीं फैलता। एचआइवी संक्रमण को रोकने का एकमात्र तरीका है लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाए। लोगों को इसकी उत्पत्ति व प्रसार के बारे में बताया जाए ताकि लोग इस महामारी के दुष्प्रभाव से बच सकें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की गई इसका उद्देश्य जन-जन तक एचआइवी एड्स व इसके रोकथाम से संबंधित सभी सूचनाएं व जानकारियां पहुंचाना है। यद्यपि एड्स एक लाइलाज बीमारी है, फिर भी एड्स प्रभावित व्यक्ति एक सामान्य जीवन जी सकता है। एचआइवी संक्रमित होना जीवन का अंत नहीं है, क्योंकि एचआइवी संक्रमित व्यक्ति भी सही चिकित्सीय मदद व सहयोग से लंबे समय तक स्वस्थ रह सकता है और दीर्घ जीवन जी सकता है। इस दिवस पर राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल परनाला से कोमल, काजल, रश्मि, भारती, दीपिका, नेहा, उपासना और कोमल सोनी, एचआरएसएस जनता सीनियर सेकेंडरी स्कूल से कोमल, आक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल से प्रिया, ट्विकल और पूजा और राजकीय हाई स्कूल बामनौली से दीप्ति और रितु ने इन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को जागरूक किया। कार्यक्रम का आयोजन दयानंद सदन, एनएसएस और वाईआरसी ने किया।