सरपंच पद के लिए आरक्षण के ड्रा की तैयारी

पंचायत चुनाव की सरगर्मियों के बीच बहादुरगढ़ खंड में सरपंच पद के आरक्षण के लिए ड्रा की तैयारी चल रही है। इस बार खंड में 19 पंचायतें कम हो गई हैं। बादली खंड अलग बनने के बाद बहादुरगढ़ का दायरा कम हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 09:00 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 09:00 AM (IST)
सरपंच पद के लिए आरक्षण के ड्रा की तैयारी
सरपंच पद के लिए आरक्षण के ड्रा की तैयारी

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : पंचायत चुनाव की सरगर्मियों के बीच बहादुरगढ़ खंड में सरपंच पद के आरक्षण के लिए ड्रा की तैयारी चल रही है। इस बार खंड में 19 पंचायतें कम हो गई हैं। बादली खंड अलग बनने के बाद बहादुरगढ़ का दायरा कम हो गया है। ऐसे में कुछ गांव जो एक टर्म पहले तक अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित थे, उनके अब फिर से इसके दायरे में आने की संभावना है। पंचायत चुनाव जनवरी 2016 में हुए थे। ऐसे में मौजूदा पंचायतों का कार्यकाल बेहद कम बचा हुआ है। इस बीच आगामी चुनाव को लेकर तैयारियां चल रही हैं। इस बार बदलेगा पंचायत समितियों का स्वरूप

झज्जर जिले में इस बार बेरी खंड को छोड़कर बाकी सभी पंचायत समितियों में बदलाव होगा। पहले बादली क्षेत्र बहादुरगढ़ की ही पंचायत समिति का हिस्सा था। इसलिए यहां पर 30 वार्ड थे। अब बादली अलग से खंड बन चुका है। इसी तरह माछरौली खंड अलग से बना था। इसलिए झज्जर, बहादुरगढ़, साल्हावास और मातनहेल खंड को इन नए खंडों में विभाजित किया गया। पंचायत विभाग की ओर से इन सभी छह खंडों में शामिल गांवों की सूचना और पूरी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई है। अभी तय नहीं हो सका है कि किस खंड में कितने पंचायत समिति के वार्ड होंगे। सरपंच पद के लिए होगा ड्रा :

बहादुरगढ़ खंड का दायरा अब कम हो गया है। पिछले पंचायत चुनाव तक इसमें 63 पंचायतें थीं। बादली अलग होने के बाद अब 44 पंचायत इस खंड का हिस्सा रह गई हैं। सरकार के निर्देश के बाद अब सरपंच पद के लिए गांवों के ड्रा की तैयारी है। 44 में से 20 फीसद के हिसाब से नौ गांवों में इस बार अनुसूचित वर्ग से सरपंच बनेंगे। जो गांव इस बार आरक्षित रहे हैं, उनसे अलग गांव इस बार आरक्षित किए जाएंगे। इसी तरह 33 फीसद पंचायतें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने जनसंख्या के हिसाब से गांवों का शेड्यूल बना लिया है। पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। सोमवार को एसडीएम हितेंद्र शर्मा को पूरा रिकार्ड सौंप दिया जाएगा। उसके बाद एसडीएम तय करेंगे कि आरक्षण का ड्रा कब निकाला जाए।

ड्रा पर टिकी है दावेदारों की नजर

गांवों में सरपंच पद के लिए मैदान में उतरने वाले दावेदारों की नजर इस प्रस्तावित ड्रा पर ही टिकी हुई है। माना जा रहा है कि यह ड्रा अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो पाएगा। यदि किसी गांव में सामान्य वर्ग से दावेदार मैदान में उतरने की तैयारी कर चुके हैं और वह गांव अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित हो गया तो उनका सपना चकनाचूर हो सकता है। सरकार के निर्देश के बाद आरक्षण के ड्रा के लिए शेड्यूल बना लिया गया है। किस गांव में अनुसूचित वर्ग की कितनी आबादी है। इसके आधार पर ही ड्रा होगा। सोमवार को उपंडलाधीश को दस्तावेज सौंप दिए जाएंगे।

रोहतास, एसईपीओ, पंचायत विभाग

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