आचार्य चरक के नाम पर होगा हर्बल पार्क का नामकरण, प्लास्टिक की खाली बोतलों से बाड़ बनाकर शुरू किया पौधारोपण

चरक एक महर्षि एवं आयुर्वेद विशारद के रूप में विख्यात हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 06:10 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 06:10 AM (IST)
आचार्य चरक के नाम पर होगा हर्बल पार्क का नामकरण, प्लास्टिक की खाली बोतलों से बाड़ बनाकर शुरू किया पौधारोपण
आचार्य चरक के नाम पर होगा हर्बल पार्क का नामकरण, प्लास्टिक की खाली बोतलों से बाड़ बनाकर शुरू किया पौधारोपण

चरक एक महर्षि एवं आयुर्वेद विशारद के रूप में विख्यात हैं। फोटो-8 व 9: जागरण संवाददाता, बहादुगरढ़:

क्लीन एंड ग्रीन एसोसिएशन द्वारा झज्जर रोड स्थित सेक्टर 13 की ग्रीन बेल्ट में हर्बल पार्क का निर्माण किया जा रहा है। इसका नाम आचार्य चरक के नाम पर रखा जाएगा। जिसे चरक औषधीय पार्क कहा जाएगा। चरक एक महर्षि एवं आयुर्वेद विशारद के रूप में विख्यात हैं। वे कुषाण राज्य के राजवैद्य थे। इनके द्वारा रचित चरक संहिता एक प्रसिद्ध आयुर्वेद ग्रंथ है। इसमें रोगनाशक एवं रोग निरोधक दवाओं का उल्लेख है तथा सोना, चांदी, लोहा, पारा आदि धातुओं के भस्म एवं उनके उपयोग का वर्णन मिलता है। प्रत्येक रविवार को टीम के द्वारा यहां पर पेड़-पौधे लगाए जाते हैं। इन पेड़ पौधों में नीम, पीपल, बरगद, अर्जुन, जामुन, बेलपत्र, आंवला, कढ़ी पत्ता, अंजीर और अजवायन लगाए जा रहे हैं। पौधों की छोटी-छोटी क्यारी बनाई जा रही है जबकि पेड़ों में नमी रहे उसके लिए पेड़ों की जड़ों पर पराली डाल दी जाती है जिससे घास-फूंस भी नहीं होती है। पेड़-पौधे लगाने का बाद उनमें पानी डाला गया। क्लीन एंड ग्रीन एसोसिएशन के सदस्य सोमबीर, नवीन भारद्वाज, प्रदीप रेढू ने बताया कि हर्बल पार्क में पौधारोपण शुरू कर दिया गया है। यहां प्लास्टिक की वेस्ट बोतलों से बाड़ बनाई जार ही है। वेस्ट में पड़ी प्लास्टिक की बोतलों में रेपर व अन्य कूड़ा भरा जाता है। फिर इनका प्रयोग हर्बल पार्क में छोटी-छोटी क्यारियों को आपस में बांटने के लिए किया जाता है। इससे एक तो प्लास्टिक की बोतलें ठीक तरह से काम आ रही हैं वरना ये कहीं न कहीं कूड़े में पड़कर गंदगी ही फैलाती हैं।

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