नप ने बैंक को भेजा कानूनी नोटिस, ब्याज समेत मांगा खाते से निकला पैसा

आइडीबीआइ बैंक में नगर परिषद के प्रधानमंत्री आवास योजना के खाते से 88.68 लाख रुपये धोखाधड़ी से निकालने के मामले में नया मोड़ आया है। नगर परिषद ने बैंक की लापरवाही को जिम्मेदार मानते हुए कानूनी नोटिस भेज दिया है। इसमें नप ने खाते से निकला पूरा पैसा ब्याज समेत बैंक से मांगा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 08:30 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 08:30 AM (IST)
नप ने बैंक को भेजा कानूनी नोटिस, ब्याज समेत मांगा खाते से निकला पैसा
नप ने बैंक को भेजा कानूनी नोटिस, ब्याज समेत मांगा खाते से निकला पैसा

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

आइडीबीआइ बैंक में नगर परिषद के प्रधानमंत्री आवास योजना के खाते से 88.68 लाख रुपये धोखाधड़ी से निकालने के मामले में नया मोड़ आया है। नगर परिषद ने बैंक की लापरवाही को जिम्मेदार मानते हुए कानूनी नोटिस भेज दिया है। इसमें नप ने खाते से निकला पूरा पैसा ब्याज समेत बैंक से मांगा है।

नप का तर्क है कि जब बैंक ने लापरवाही बरती है तो पैसा लौटाने के लिए बैंक ही जिम्मेदार है। इस बीच नप के पालिका अभियंता को उनके निजी खाते के लिए इसी बैंक की ओर से जारी की गई चेक बुक में भी बैंक की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक माह पहले पकड़ में आए इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। एसआइटी भी गठित की गई है। पुलिस बिहार और दिल्ली में जांच कर चुकी है। इस मामले को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी जारी है। चेयरपर्सन बोलीं, नप का पूरा पैसा आएगा वापस

नगर परिषद की चेयरपर्सन शीला राठी ने नप कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि आईडीबीआई बैंक के खाते से धोखाधड़ी करके जो 88 लाख 68 हजार रुपये निकाले गए हैं, उसमें पूर्णतया बैंक की लापरवाही रही। नगर परिषद ने अपने स्तर पर छानबीन की है और पुलिस से भी अब तक की जांच को लेकर पता किया है कि कई बिदुओं पर बैंक ने लापरवाही बरती। बैंक ने तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी अपूर्व चौधरी के हस्ताक्षरों पर ही खोला गया था। जो फर्जी चेक लगाकर पैसा निकाला गया, वे नए पैटर्न की चेक बुक की क्लोनिग करके तैयार किए गए थे। पुलिस द्वारा ये चेक बरामद किए गए। बैंक ने भी यह मान लिया है कि जिस चेक की क्लोनिग की गई उस पैटर्न की चेक बुक नगर परिषद को जारी ही नहीं की गई। इससे साफ है कि बैंक ने चेक क्लियर करने में लापरवाही बरती। इतने पैसे खाते से निकले और बैंक ने एक बार भी नगर परिषद को सूचित नहीं किया। जबकि इस खाते से चेक के माध्यम से कभी पैसा निकला ही नहीं। हमेशा लाभार्थियों के खातों में ही ट्रांसफर होता था। वह भी एक बार में अधिकतम एक लाख। एक्सिस बैंक से भी इसी तरह फर्जी चेक लगाकर पैसे निकालने का प्रयास किया गया था। हमने आइडीबीआइ बैंक को नोटिस दे दिया है और पूरा पैसा ब्याज समेत खाते में डालने के लिए कहा है। जहां तक कुछ विकास विरोधियों के आधारहीन आरोपों का सवाल है तो उन्हें सिर्फ बुराई करने और जनता को गुमराह करने के अलावा दूसरा कोई काम नहीं है। उनके पास कोई मुद्दा तो है नहीं। इसलिए जो मामला धोखाधड़ी का है उसके लिए भी हमें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। ऐसे लोगों को जनता ने पहले भी अच्छा सबक सिखाया है और आगे भी सिखाती रहेगी। नप के पूर्व चेयरमैन रवि खत्री ने कहा कि जिन लोगों के शासनकाल में गरीबों से हफ्ता वसूली होती थी। व्यापारियों से रंगदारी मांगी जाती थी, वे आज जनता के हमदर्द होने का ड्रामा कर रहे हैं। इस दौरान नप के ईओ अतर सिंह, एमई अमन राठी, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संदीप राठी मौजूद थे। अब दो खाताधारकों के नाम से बनाई एक चेक बुक

आइडीबीआइ बैंक की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। नगर परिषद के ही पालिका अभियंता अमन राठी के सेलरी खाते की जो उनको चेक बुक दी है, उसमें सीरीज के पहले 10 चेक नहीं हैं। इसी चेक बुक में 10 अन्य चेक किसी और खाताधारक के नाम के हैं। यह बड़ी लापरवाही है। शुक्रवार को पालिका अभियंता ने खुद यह चेक बुक नप कार्यालय में दिखाई। इस मामले में पुलिस को ज्यादातर रिकार्ड मिल चुका है। कुछ जगह की फुटेज अभी नहीं मिल पाई है। पूरी गहनता से छानबीन की जा रही है।

सुनील कुमार, एसएचओ, शहर थाना बहादुरगढ़।

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