रात का रिपोर्टर : दिल्ली में लॉकडाउन और प्रदेश में नाइट क‌र्फ्यू का कदम-कदम पर दिखता है असर

यह आलम ठीक एक साल पहले की स्थिति बयां कर रहा था। इसकी वजह भी थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 06:20 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 06:20 AM (IST)
रात का रिपोर्टर : दिल्ली में लॉकडाउन और प्रदेश में नाइट क‌र्फ्यू का कदम-कदम पर दिखता है असर
रात का रिपोर्टर : दिल्ली में लॉकडाउन और प्रदेश में नाइट क‌र्फ्यू का कदम-कदम पर दिखता है असर

यह आलम ठीक एक साल पहले की स्थिति बयां कर रहा था। इसकी वजह भी थी। फोटो-5 व 14: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

रात के 11 बजे का वक्त था। सड़कों पर इक्का-दुक्का वाहनों की आवाजाही थी, वह भी जरूरत और आवश्यक सेवा से जुड़े। यह आलम ठीक एक साल पहले की स्थिति बयां कर रहा था। इसकी वजह भी थी। प्रदेश में नाइट क‌र्फ्यू और दिल्ली में लॉकडाउन। ऊपर से दिल्ली के मुख्य बॉर्डर पर आंदोलन। ऐसे में आवाजाही न के बराबर। रात्रि पाली की ड्यूटी से लौटते कामगार कहीं नहीं दिख रहे थे। दिखे भी कैसे। उद्योग बंद हो रहे हैं और कामगार घर वापसी में जुटे हैं। यह थी स्थिति :

दृश्य-एक : शहर से सटे सांखौल गांव का पटेल नगर चौक। समय था। 10:55 बजे का। दिल्ली की तरफ से वाहनों की पहुंच न के बराबर। रोहतक की ओर से दिल्ली की तरफ बीच-बीच में आगे बढ़ते चारे से भरे ट्रैक्टर यानी एक तरह से आवश्यक सेवा से जुड़े वाहन। जिस तरह इंसानों के दो वक्त का निवाला चाहिए, उसी तरह दिल्ली के अंदर और आसपास के शहरों में पशुओं की जरूरत। ऊपर से फसल का सीजन भी। मगर जिस तरह सड़कों पर ऐसे वाहनों को छोड़कर बाकी की आवाजाही लगभग थम गई थी, वैसे हालात सामान्य दिनों में आधी रात के बाद बनते हैं, लेकिन फिर से कोरोना संक्रमण बढ़ने और उसके कारण लागू हो रही पाबंदियों का ही यह असर था। दृश्य-दो : देवीलाल पार्क की दीवार के साथ सड़क किनारे एक झोंपडी़ और उसमें नारियल का बड़ा सा ढेर। वहीं पर रेट की पर्ची भी लटक रही थी। उस पर लिखा था 60 रुपये। मगर रात का वक्त होने से ढेर के पास कोई नजर नहीं आया। आवाज लगाने पर अंदर से ही सीधी आवाज आई 60 रुपये का एक है, कितने चाहिए। आम तौर पर 40 रुपये का बिकने वाला एक कच्चा नारियल एक साथ 50 फीसद महंगा होने पर आश्चर्य जताने पर विक्रेता बोल पड़ा..क्या सोच रहे हो, जल्दी बताओ रात हो गई है, अब तिरपाल डालने का वक्त हो गया है। आज लेना है तो ले लो, कल से यही 80 रुपये का बिकेगा। वजह पूछने पर जवाब मिला, पीछे से ही महंगा है, जब महंगा खरीद रहे हैं तो महंगा ही बेचेंगे और क्या पता कोरोना के कारण कब क्या आदेश आ जाएं।

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