मांडौठी में कोरोना से करीब 60 लोगों की हुई मौत तो बुल्लड़ पहलवान व अखाड़े के बच्चों ने सिर मुंडवाकर दी श्रद्धांजलि

उन्होंने दो मिनट का मौन धारण कर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 06:20 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 06:20 AM (IST)
मांडौठी में कोरोना से करीब 60 लोगों की हुई मौत तो बुल्लड़ पहलवान व अखाड़े के बच्चों ने सिर मुंडवाकर दी श्रद्धांजलि
मांडौठी में कोरोना से करीब 60 लोगों की हुई मौत तो बुल्लड़ पहलवान व अखाड़े के बच्चों ने सिर मुंडवाकर दी श्रद्धांजलि

उन्होंने दो मिनट का मौन धारण कर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। फोटो-14: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

शहर ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया स्थित बुल्लड़ अखाड़ा के छोटे बच्चों व समाजसेवी बुल्लड़ पहलवान ने अपना अपना सिर मुंडवाकर व सफेद वस्त्र पहनकर कोरोना महामारी के कारण गांव मांडौठी सहित क्षेत्र में होने वाली अकाल मौतों पर शोक प्रकट किया। उन्होंने दो मिनट का मौन धारण कर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अखाड़ा संचालक वीरेंद्र उर्फ बुल्लड़ पहलवान ने पत्रकारों से बातचीत करते कहा कि हम सभी के जीवन में कोरोना रूपी एक बहुत बड़ी संकट की घड़ी चल रही है। उन्होंने अपने पैतृक गांव मांडौठी के बारे बताया कि इस महामारी से मरने वालों की संख्या लगभग 60 के करीब हो चुकी है। बुल्लड़ ने सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राम मंदिर सहित बड़ी-बड़ी मूर्तियों, प्रधानमंत्री के लिए हजारों करोड़ का निवास बनाने के लिए अनाप-शनाप धन खर्च करने के बजाय तथा दूसरे देशों को दान देने के बजाय सरकार अपने देश के अंदर अस्पताल बनाने, दवाइयां और मेडिकल शिक्षा संबंधित संस्थाएं खुलवाती तो लोगों को आज इस तरह जानलेवा कोरोना संकट से न जूझना नही पड़ता। न ही कोरोना के कारण लोगों की अकाल मृत्यु होती। बुल्लड़ पहलवान ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण न जाने कितनी मौत हुई हैं, पर सरकार सिर्फ आंकड़ों का खेल खेलकर जनता को गुमराह व बरगलाने में लगी हुई है। बुल्लड़ पहलवान ने कहा कि कोरोना महामारी में शहर के निजी अस्पताल वालों ने मानवता को तार-तार कर दिया है। लोग बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन, वेंटिलेटर व इलाज के लिए उनके अस्पतालों के बाहर इलाज की गुहार लगाते रहे, मगर शहर के निजी अस्पतालों ने किसी की नही सुनी। काफी लोगों की इलाज के अभाव में मौत हो गई।

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