खुद को पुलिसकर्मी बता युवक से नकदी ठग ले गए शातिर
छारा गांव में कार सवार चार शातिर एक युवक को बातों में उलझाकर उससे नकदी ठग ले गए। शातिरों ने खुद को पुलिस कर्मी बताया। युवक पर कभी शराब पीने और कभी चरस रखने का आरोप लगाया। फिर उसकी तलाशी के बहाने इस वारदात को अंजाम दिया।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : छारा गांव में कार सवार चार शातिर एक युवक को बातों में उलझाकर उससे नकदी ठग ले गए। शातिरों ने खुद को पुलिस कर्मी बताया। युवक पर कभी शराब पीने और कभी चरस रखने का आरोप लगाया। फिर उसकी तलाशी के बहाने इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
छारा गांव निवासी उमेद दिल्ली में प्राइवेट बस पर नौकरी करता है। 14 अक्टूबर की शाम को वह अपने प्लाट से घर जा रहा था। इसी बीच नई चौपाल के नजदीक उसके पास आकर एक कार रुकी। उसमें चार लोग सवार थे। एक ने उससे कहा कि तुमने शराब पी रखी है। इस पर उसने मना किया तो दूसरा कहने लगा तुम्हारे पास चरस है। खुद को पुलिस वाला बता तलाशी ली। उसका पर्स निकालकर गाड़ी में बैठे शख्स को दे दिया। पर्स चेक करने के बाद लौटा दिया। इसके बाद वे गाड़ी लेकर निकल गए। बाद में पर्स चेक किया तो सात हजार रुपये गायब मिले। मांडौठी चौकी प्रभारी प्रवीन कुमार ने बताया कि छानबीन की जा रही है।
29 सितंबर को कबाड़ी दुकानदार से ठग लिए थे 71 हजार
ओमेक्स सिटी अपार्टमेंट के पास एक कबाड़ की दुकान के मालिक इसरार को 29 सितंबर को इसी तरह दो शातिर फिल्मी स्टाइल में 71 हजार का चूना लगा गए थे। दोनों ने कोरोना चेक करने और नशा करने की बात कही थी। इस तरह दुकान की तलाशी लेने लगे। काउंटर का गल्ला भी खोल लिया। उसमें रखे रुपये उठाए और कहा ये तो नकली नोट हैं। इसके बाद रुपये लेकर जाने लगे। इसरार उनके पीछे दौड़ा और पैसे वापस मांगे तो एक ने उसकी जेब में पैसे डाल दिए और बोला रख अपने पैसे। इसके बाद दोनों कार में बैठकर निकल गए। कार में दो और व्यक्ति पहले से बैठे थे। उनके जाने के बाद उसने जेब से निकालकर पैसे गिने तो 39 हजार ही मिले। जबकि गल्ले में एक लाख 10 हजार रुपये थे। उसके साथ ठगी करके करीब 71 हजार रुपये ले गए।