भौतिक वातावरण में क्षणिक सुख के लिए मानसिक अशांति पा रहा इंसान : स्वामी दिव्यानंद
आज हमारे धर्म-कर्म में सबसे कमजोर पहलू यही है कि हम जो भी करते जा रहे हैं बस उसी में मग्न हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
बादली रोड पर स्थित सेठ रामअवतार गोयल गो एवं वन्य जीव उपचार सेवा केंद्र में गोधन सेवा समिति द्वारा आयोजित गोपूजन-गो गोपाल कथा का शुभारंभ करते हुए गीता ज्ञानेश्वर डा. स्वामी दिव्यानंद महाराज ने कहा कि गोकथा के माध्यम से हम गाय के सत्य स्वरूप को समझ लेंगे तो हमारा जीवन निश्चित रूप से व्यथा मुक्त हो सकता है। आज हमारे धर्म-कर्म में सबसे कमजोर पहलू यही है कि हम जो भी करते जा रहे हैं, बस उसी में मग्न हैं। हमें पता नहीं कि क्यों और कैसे किए जा रहे हैं। धुन यह है कि जो हमारे पूर्वज करते आए हैं तो हम भी कर लेते हैं। व्यक्ति प्रत्येक पुरुषार्थ दुख निवृत्ति के लिए करता है। परम सुख मिल जाए, इसके लिए साधन करता है, मगर असफल हो रहा है। भौतिक वातावरण ने भारी भरकम व्यर्थ के खर्चे करवाकर क्षणिक सुख का आभास तो करवाया कितु मानसिक रूप से फिर भी सभी अशांत हैं। जब कोई साधना केवल अपने लाभ की न होकर जगत कल्याण के लिए हो तो, सज्जन पुरुषों को उस पर अवश्य चितन करना चाहिए। वस्तुत: इसी चितन चर्चा को ही कथा का रूप मिलना चाहिए। जबकि आज यह मार्ग अधिकांश व्यापारिक बनता जा रहा है। इसीलिए कथा श्रवण का लाभ नहीं है। स्वामी दिव्यानंद ने कहा कि गाय को केवल बाहर के चर्म चक्षुओं से ही न परखें, भीतर की विवेक ²ष्टि से देखें। यह पशु अथवा दूध देने वाला प्राणी नहीं बल्कि सनातन जगत का प्राण है। जानवर नहीं हम सबकी जान हैं। इसकी सेवा हमें सात्विक मन वाला बनाती है। धर्म के नाम पर कोई भी साधन यदि हमें सात्विक नहीं बनाता तो हमें वह शांति भी नहीं दे सकता। गाय को पैर लगाना तो पाप कह दिया जाता है, लेकिन इसे गली सड़ी चीजें खिलाना यहां तक कि फूल गोभी खिलाना भी कष्टदायक है। जय-जयकार करना मात्र ही गोभक्ति नहीं। आज हमारे गोपाल कृष्णजी की गाय सड़कों पर प्रताड़ित हो रही है और हम गो गोपाल के भक्त मौन हैं। गोपाल कृष्ण के भक्तों को रजोगुणी खर्चे न करके गोसेवा कर गोविद की प्रसन्नता का कारक बनना चाहिए। इस दौरान दर्शना चावला, प्रदीप राठी, इंद्र मनोज भूपनिया, पूर्ण देवी नागपाल, सुजाता जसबीर, नवीन मल्होत्रा, सुनीता देवी, सुरेंद्र पंवार, कन्हैया लाल, सुनील अग्रवाल, आनंद शर्मा, अंजू अग्रवाल, विजय पाल, शेखर बिल्डिग, यश गांधी, कपिल कुच्छल, असीम, संजीव वधवा, अशोक वधवा, अद्वैत चावला, तकदीर राठी, दीपक जायसवाल, करमवीर अग्रवाल, राजेश चहर, धर्म देवी खट्टर, अमित दुआ, हरिओम, विकास पांडे, ओमप्रकाश राठी, विजयपाल छिल्लर, रामेश्वर वत्स मौजूद रहे।