फसल अवशेषों को आय का स्त्रोत बनाएं किसान: एसडीएम

-खेतों में फसल अवशेष जलाना गैर कानूनी और पर्यावरण के लिए हानिकारक

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:02 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:02 PM (IST)
फसल अवशेषों को आय का स्त्रोत बनाएं किसान: एसडीएम
फसल अवशेषों को आय का स्त्रोत बनाएं किसान: एसडीएम

बहादुरगढ़, (विज्ञप्ति): एसडीएम भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उपमंडल किसान फसल अवशेषों को आय का स्त्रोत बनाएं। इस विषय पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का मार्गदर्शन लें। विभाग को किसानों को जागरूक करने और मार्गदर्शन देने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष खेतों में जलाना गैर कानूनन है। साथ ही पर्यावरण सरंक्षण के लिए भी हानिकारक है। फसल अवशेषों की आग से निकलने वाला धुआं कई बीमारियों का कारण बनता है। एसडीएम ने कहा कि जिलाधीश ने जिलेभर में फसल अवशेष जलाने पर रोकथाम के लिए निषेधाज्ञा के आदेश जारी किए हुए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसा करने पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा निरंतर पराली व फसल अवशेष को जलाने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया हुआ है। इसके दौरान गांव-गांव में किसानों को समझाया जा रहा है कि वे अपने खेतों में आग न लगाएं। पराली को पशु चारा व अन्य प्रकार से उपयोग कर आय का स्त्रोत बनाएं। एसडीएम ने कहा कि आग लगाने से प्रदूषण फैलता है और भूमि में पल रहे जीव, मित्र कीट, पोषक तत्व जलकर नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि खेत में आग लगाने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। अच्छी बात यह है कि बहुत से किसानों ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों को यह आश्वासन दिया है कि वे आग बिल्कुल नहीं लगाएंगे और दूसरों को भी फसल अवशेष जलाने से रोकेंगे। पर्यावरण सरंक्षण सभी की जिम्मेदारी है।

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