आंदोलन के मंच से बोले किसान नेता, बॉर्डरों पर जत्थेबंदी पहुंचनी शुरू हो गई हैं, आंदोलन को तेज करेंगे

कोरोना संक्रमण के भीषण संकट और एक दिन पहले आंदोलन स्थल पर बंगाल की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में एफआइआर दर्ज होने के बावजूद आंदोलनकारी दावे-प्रतिदावे कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 07:45 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 07:45 AM (IST)
आंदोलन के मंच से बोले किसान नेता, बॉर्डरों पर जत्थेबंदी पहुंचनी शुरू हो गई हैं, आंदोलन को तेज करेंगे
आंदोलन के मंच से बोले किसान नेता, बॉर्डरों पर जत्थेबंदी पहुंचनी शुरू हो गई हैं, आंदोलन को तेज करेंगे

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कोरोना संक्रमण के भीषण संकट और एक दिन पहले आंदोलन स्थल पर बंगाल की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में एफआइआर दर्ज होने के बावजूद आंदोलनकारी दावे-प्रतिदावे कर रहे हैं। रोजाना धरना स्थल के मंच से आंदोलन को तेज करने और नई जत्थेबंदियों के यहां पहुंचने का दावा किया जा रहा है। सोमवार को भी ऐसे ही दावे किए गए। एक तरफ आंदोलन स्थल पर पहुंचे गुरनाम चढूनी ने आंदोलनकारियों के तंबुओं में जाकर उन्हें डटे रहने के लिए कहा तो दूसरी तरफ धरना स्थल के मंच से हरियाणा के किसान नेता जोगेंद्र नैन ने पुलिस-प्रशासन पर आंदोलन की दूध व अन्य सामान की सप्लाई की गाड़ियों को रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने जींद जिला पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि जिन गाड़ियों पर किसान संगठन का झंडा लगा है, उन्हें न रोका जाए। यह आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश है, मगर किसान पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने दावा किया कि पंजाब से जत्थेबंदी आ रही हैं। सिघु बॉर्डर व टीकरी बॉर्डर पर किसानों की संख्या अब बढ़ेगी। तब तक आंदोलन चलेगा, जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं हो जाती। वहीं दिल्ली से नेत्री सुनील चौधरी ने कहा कि हम कोरोना से नहीं डरते। यह कुछ नहीं है। खांसी, जुकाम, बुखार पहले से चला हुआ है। सभी आंदोलनकारी कोरोना को भूल जाएं। अमृता कुंडू ने भी धरना स्थल के मंच से अपनी बात रखी। कोरोना महामारी से बचने के लिए आंदोलनकारियों को पिलाया जा रहा गर्म पानी

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में कोरोना महामारी की दहशत साफ दिखाई देने लगी है। टेस्टिग व वैक्सीनेशन से भले ही किसानों ने पल्ला झाड़ लिया हो लेकिन इस महामारी से आंदोलनकारी अपना बचाव जरूर कर रहे हैं। कई आंदोलनकारी तो यहां पर मास्क की जगह रूमाल व कपड़ा ढंके हुए देखे जाने लगे हैं। साथ ही अब किसान मोर्चा की ओर से भी कोरोना महामारी से आंदोलनकारियों को बचाने की कवायद शुरू कर दी है। सभा स्थल पर एक तो भीड़ लगातार कम है। दूसरा, अब मोर्चा की ओर से हर आंदोलनकारी को सभा के दौरान गर्म पानी पिलाया जा रहा है। उन्हें बार-बार गर्म पानी पीने के लिए ही आह्वान किया जा रहा है। अगर किसी आंदोलनकारी की तबीयत बिगड़ती है तो उसका तुरंत चेकअप कराया जा रहा है। उसे कोरोना से संबंधित दवाइयां भी आंदोलनकारियों की ओर से लगाए गए मेडिकल कैंपों के माध्यम से दी जा रही है। अब किसान नेता भी यह कहने लगे हैं कि सरकार वैक्सीनेशन कैंप लगाए। जिस आंदोलनकारी को जरूरत होगी वह वैक्सीन लगा लेगा। मगर कोरोना का टेस्ट कोई भी नहीं करवाएगा। बहादुरगढ़ आए गुरनाम चढूनी ने भी यहीं बात फिर से दोहराई है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी की आड़ में सरकार उनके आंदोलन को समाप्त करना चाह रही है। मगर हम सरकार की मंशा किसी भी सूरत में कामयाब नहीं होने देंगे।

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