किसान आंदोलन : फसल सीजन में बदल रही है खेतीहर परिवारों के सदस्यों की ड्यूटी, कुछ खेतों में बाकी आंदोलन में पहुंच रहे

प्रदेश के कई जिलों से रोजाना जत्थे यहां पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 07:20 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 07:20 AM (IST)
किसान आंदोलन : फसल सीजन में बदल रही है खेतीहर परिवारों के सदस्यों की ड्यूटी, कुछ खेतों में बाकी आंदोलन में पहुंच रहे
किसान आंदोलन : फसल सीजन में बदल रही है खेतीहर परिवारों के सदस्यों की ड्यूटी, कुछ खेतों में बाकी आंदोलन में पहुंच रहे

प्रदेश के कई जिलों से रोजाना जत्थे यहां पहुंच रहे हैं। फोटो-12 व 14 जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच अब पंजाब में धान की रोपाई का सीजन चल रहा है। प्रदेश में भी यह शुरू होने वाला है। ऐसे में पंजाब के आंदोलनकारियों ने ड्यूटी बदल दी है। खेतीहर परिवारों के जो सदस्य खेती संभालते हैं और उसी कार्य के लिए इन दिनों आंदोलन से गांव लौट गए, उनकी जगह परिवार के दूसरे सदस्यों को आंदोलन में भेजा जा रहा है। इधर, प्रदेश के कई जिलों से रोजाना जत्थे यहां पहुंच रहे हैं। 26 जून के आयोजन को लेकर भी पुलिस-प्रशासन अलर्ट है। वैसे तो इस दिन राजभवन के बाहर धरने का ऐलान किया गया है, लेकिन साथ में जिला व तहसील स्तर की गतिविधियों की घोषणा की गई है। इधर, टीकरी बार्डर और नया गांव चौक पर आंदोलन में सभा जारी रही। टीकरी बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य रुलदू सिंह मानसा ने कहा कि हमारे आंदोलन को सात महीने पूरे होने वाले है। हमें मजबूती के साथ लड़ना पड़ेगा। कानून रद होने पर ही हम वापस लौटेंगे। दिल्ली से सेवानिवृत्त प्राचार्या शारदा दीक्षित ने कहा कि हमारी जीत अवश्य होगी। वहीं भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहा) के राज्य सचिव शिगारा सिंह मान ने कहा कि पंजाब में धान की बुवाई का मौसम जोरों पर है। विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में किसान बहनों के कारवां पहुंच रहे हैं। सरकार को यह भ्रम है कि किसान थककर घर लौट जाएंगे। झज्जर मामले में गिरफ्तारी हुई तो सभी को करना पड़ेगा गिरफ्तार :

जींद से भाकियू के प्रदेश सचिव जियालाल ने टीकरी बार्डर के मंच से कहा कि सत्ता पक्ष के लोग मान नहीं रहे हैं। कहीं-कहीं जाकर उद्घाटन कर रहे हैं। किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। पिछले दिनों झज्जर में ओमप्रकाश धनखड़ ने पार्टी कार्यालय का शिलान्यास किया। वहां भी किसान पहुंचे। पुलिस प्रशासन वहां पहुंचने वाले किसानों को गिरफ्तार करना चाहता है तो ध्यान से सुन ले। अगर उन्हें गिरफ्तार किया तो टीकरी बार्डर पर हजारों की संख्या में किसान बैठे हैं इनको भी गिरफ्तार करना पड़ेगा।

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