रात में हुई 88 एमएम बारिश, शहर के कई हिस्से बने तालाब

कई दिनों के अंतराल के बाद बहादुरगढ़ में शनिवार की रात बादल जमकर बरसे। रविवार सुबह तक बारिश की मात्रा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 10:00 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 10:00 AM (IST)
रात में हुई 88 एमएम बारिश, शहर के कई हिस्से बने तालाब
रात में हुई 88 एमएम बारिश, शहर के कई हिस्से बने तालाब

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कई दिनों के अंतराल के बाद बहादुरगढ़ में शनिवार की रात बादल जमकर बरसे। रविवार सुबह तक बारिश की मात्रा 88 एमएम दर्ज की गई। इस सीजन में एक बार में हुई बारिश की यह अब तक की सबसे अधिक मात्रा है। इससे शहर के कई हिस्से जलमग्न हो गए। सेक्टर-9 के आसपास का एरिया तो बिल्कुल तालाब बन गया। कई घरों में भी पानी घुस गया। मौसम विशेषज्ञों की ओर से बारिश का अनुमान पहले से था। अभी 12 अगस्त तक बारिश की संभावना बनी रहेगी।

बता दें कि शनिवार को दिन भर मौसम में उठापटक ही थी। मगर आधी रात के बाद बादल बरस पड़े। मूसलाधार बारिश डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक चली। इससे शहर के विभिन्न हिस्सों में भारी मात्रा में पानी जमा हो गया। लोग सुबह जागे तो सड़कों और कालोनियों का हाल देख दंग रह गए। निकासी इंतजाम फिर हुए फेल

बरसाती पानी की निकासी के उचित इंतजाम न होने के कारण ही शहर में एक बार फिर संकट खड़ा हुआ। इस बार बारिश की मात्रा भी ज्यादा रही। वैसे तो हल्की बारिश में ही कई कालोनियां और सार्वजनिक स्थल जलमग्न हो जाते हैं, ऐसे में 88 एमएम बारिश से तो समस्या विकराल रूप ले गई। शहर के सैनीपुरा में तो हालात बदतर थे। यहां तो बिल्कुल तालाब की तरह जलभराव था। वहीं ओमेक्स सिटी अपार्टमेंट में 66 फुटा रास्ता की सड़क फिर से एक फीट तक पानी में डूब गई। बस स्टैंड और सिविल अस्पताल परिसर में भी पानी जमा हो गया। लाल चौक के आसपास सड़क पर पानी जमा होने से यहां पर गड्ढे बन रहे हैं। ऐसे में वाहन चालक परेशान हैं। सेक्टर छह की सड़कों पर भी पानी भर गया। यहां निकासी के प्रबंध पुख्ता न होने से सेक्टर वासी परेशान दिखाई दिए।

किसानों में भी कहीं राहत, कहीं चिता

इस बारिश के बाद किसानों में भी कहीं राहत है तो कहीं चिता का माहौल बन गया है। गन्ना और धान उत्पादक किसान इस बारिश से खुश हैं। जबकि ज्वार, बाजरा, कपास फसलों के लिए यह बारिश नुकसानदायक हो सकती है। इन फसलों को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती। पहले से ही खेतों में नमी है। ऐसे में और बारिश से तो इन फसलों के पौधे सूख सकते हैं। कई जगह बाजरा और कपास की फसल के पत्ते पीले पड़ रहे हैं। हालांकि कृषि अधिकारियों का कहना है कि अभी कहीं से नुकसान की रिपोर्ट नहीं मिली है।

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