डाक्टरों ने केंद्रीय कानून बनाने की मांग को लेकर बंद रखी ओपीडी, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
-आइएमए बहादुरगढ़ से जुड़े डाक्टरों ने बढ़ती हिसा की घटनाओं को लेकर जताया रोष
-आइएमए बहादुरगढ़ से जुड़े डाक्टरों ने बढ़ती हिसा की घटनाओं को लेकर जताया रोष फोटो-16: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
डाक्टरों के खिलाफ बढ़ते हिसा के मामलों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की बहादुरगढ़ इकाई से जुड़े डाक्टरों ने शुक्रवार को सामान्य ओपीडी सेवाएं बंद रखी। केंद्रीय कानून की मांग को लेकर एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी भेजा। डाक्टरों ने बढ़ती हिसा को लेकर रोष जताते हुए सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक ओपीडी सेवाओं से किनारा किया। साथ में आइएमए की प्रत्येक शाखा में एक समन्वय टीम बनाने के लिए जनसंवाद की व्यवस्था की गई। एसडीएम को ज्ञापन देने वालों में आइएमए सचिव डा. ज्योति मलिक के अलावा डा. अर्चना, डा. वंदना, डा. श्रवण बंसल, डा. मनोज, डा. मनीष शर्मा, डा. संजय सिंह, डा. आरके, डा. संतोष कुमार, डा. आरजी राठी, डा. गिरिश खुराना, डा. गुलशन, डा. सतबीर शर्मा के अलावा कई अन्य डाक्टर शामिल रहे। डाक्टरों ने बताया कि आइएमए बहादुरगढ़ के अंतर्गत आने वाले सभी डाक्टरों, नर्सिंग होम, अस्पतालों में विरोध स्वरूप छह घंटों तक ओपीडी बंद रखी। उन्होंने कहा कि डाक्टरों के खिलाफ लगातार हिसा बढ़ रही है। अस्पतालों में भी तोड़फोड़ कर दी जाती है। उन्होंने डाक्टरों के साथ बढ़ते आक्रोश व हिसा की कड़ी निदा की और ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन से आग्रह किया है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि वे अपने कार्यस्थल पर निर्भय रहकर काम कर सकें। ज्ञापन के माध्यम से सरकार से उचित कानून बनाने के लिए आग्रह भी किया गया। आइएमए से जुड़े डाक्टरों ने सरकार से मांग की है हर अस्पताल में सुरक्षा सुविधाएं बढ़ाएं और अस्पतालों को संरक्षित क्षेत्र घोषित करें। डाक्टरों को हिसा से बचाने के लिए एक मजबूत केंद्रीय कानून बनाने की जरूरत है, क्योंकि डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ बढ़ती हिसा को देखकर वे बेहद आहत हैं। दिन-प्रतिदिन किसी न किसी क्षेत्र में डाक्टरों के साथ हिसा हो रही है। ऐसे में हमें डाक्टरों को हिसा से बचाने के लिए एक मजबूत केंद्रीय कानून की आवश्यकता है।