कूड़ा डपिग स्टेशन के प्रदूषण से गावों में फैली बीमारिया, लोगों ने दिया अल्टीमेटम

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बादली मार्ग पर नया गाव और सौलधा के बीच बने नगर परिषद के

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 11:51 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 11:51 PM (IST)
कूड़ा डपिग स्टेशन के प्रदूषण से गावों में फैली बीमारिया, लोगों ने दिया अल्टीमेटम
कूड़ा डपिग स्टेशन के प्रदूषण से गावों में फैली बीमारिया, लोगों ने दिया अल्टीमेटम

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

बादली मार्ग पर नया गाव और सौलधा के बीच बने नगर परिषद के कूड़ा डपिंग स्टेशन के प्रदूषण से यहा बीमारिया फैल रही है। कूड़ा सड़क तक खुले में फैला रहता है। ऊपर से यहा पर आग लगा दी जाती है। इससे ग्रामीण बिफर पड़े है। लोगों की शिकायत पर ही जिला परिषद चेयरमैन ने नप के एमई और सीएसआइ को तलब किया। मौके पर दोनों अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि तीन दिन के अंदर समाधान नहीं हुआ तो लोग सड़कों पर भी उतर सकते है।

ग्रामीणों की शिकायत है कि डपिंग स्टेशन पर किसी भी नियम का पालन नही हो रहा है। कायदे से कूड़े के ढेर पर मिट्टी की परत बिछाई जानी चाहिए। ताकि उसकी दुर्गध न आए। दूसरा, कूड़े में किसी तरह की आग न लगाई जाए। मगर यहा पर हर वक्त कूड़े में आग देखी जा सकती है। इतना ही नहीं डपिंग स्टेशन के बाहर आधी सड़क तक कूड़ा बिखरा रहता है। इन सबके कारण नया गाव और सौलधा में सास लेना तक दूभर हो गया है। यहा से आने-जाने वालों को भी कहीं ज्यादा परेशान होती है। कूड़ा खुला पड़ा रहने और ऊपर से उसमें आग लगाए जाने से दूर तक ऐसी दुर्गध उठती है, जो सासों में घुलकर स्वस्थ आदमी को बीमार बना रही है। दो-चार दिन की बात हो तो झेल भी लें, मगर रोजाना इतना प्रदूषण आखिर क्यों और कैसे झेलें? लोगों ने बताया कि रोजाना डपिंग स्टेशन के कूड़े में आग के कारण जो धुआ उठता है, उसकी आसपास के गावों के ऊपर एक काली परत बन जाती है। इसके कारण सुबह हो या शाम, किसी भी वक्त साफ हवा नसीब नही होती। ये है मांगें - कूड़ा डपिंग स्टेशन की चार दीवार के अंदर ही डाला जाए। इसको सड़क तक फैलने से रोका जाए।

- कूड़े का ढेर लगने के बाद उस पर मिट्टी की परत बिछाई जाए। ताकि उसमें से दुर्गध न आए और वह जल्दी से गल जाए।

- कूड़े में आग न लगाई जाए। यदि आग लगती है तो उसे तुरत बुझाने की व्यवस्था हो, ताकि गावों में यह धुआ प्रदूषण न फैलाए। ये व्यवस्था तीन दिन के अंदर हो। उसके बाद भी हालात यही रहते है, तो मजबूरन उन्हे सड़क पर आना होगा। वर्जन..

टेडर में ही यह शर्त भी होती है कि डपिंग स्टेशन पर कूड़ा किस तरह से डाला जाएगा। स्टेशन का रखरखाव कैसे होगा। इसमें आग लगने के बाद उसे तुरंत बुझाने की व्यवस्था होती है। ये सब न होने से गावों में बीमारिया फैल रही है। इसे अब गंभीरता से लिया जाएगा।

--परमजीत सिंह, चेयरमैन, जिला परिषद, झज्जार।

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