पेयजल माइनर की सीसी लाइनिग में हो रही देरी, विभागीय उदासीनता से किनारे टूटने की कगार पर

कई जगहों से इस माइनर के किनारे ढहने की स्थिति में है लेकिन विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 07:10 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 07:10 AM (IST)
पेयजल माइनर की सीसी लाइनिग में हो रही देरी, विभागीय उदासीनता से किनारे टूटने की कगार पर
पेयजल माइनर की सीसी लाइनिग में हो रही देरी, विभागीय उदासीनता से किनारे टूटने की कगार पर

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

शहर को पेयजल आपूर्ति करने वाली माइनर की सीसी लाइनिग तो जब होगी, तब होगी, मगर उस समय तक मौजूदा स्थिति को संभालने में भी विभाग उदासीन बना हुआ है। कई जगहों से इस माइनर के किनारे ढहने की स्थिति में है, लेकिन विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जब माइनर टूट जाएगी तब विभाग को दोगुना कसरत करनी पड़ेगी। ऊपर से शहर को पानी का संकट झेलना पड़ेगा, वह अलग। दरअसल, इस माइनर की खस्ता हालत के कारण ही बार-बार शहर में पानी का संकट खड़ा होता है। इसलिए कुछ समय से इसकी सीसी लाइनिग की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत माइनर में दोनों तरफ सीसी की दीवार बना दी जाएगी। इससे माइनर की क्षमता भी बढ़ जाएगी और शहर के वाटर टैंकों तक पर्याप्त पानी पहुंच जाएगा। यह कार्य सिचाई विभाग द्वारा किया जाना है मगर जो खर्च आएगा, वह जन स्वास्थ्य विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा वहन किया जाएगा। जन स्वास्थ्य विभाग ने तो अपने हिस्से का पैसा जमा करवा दिया है लेकिन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा इसमें देरी किए जाने से सीसी लाइनिग का कार्य कब शुरू होगा यह तय नहीं है। मगर दिक्कत यह है कि जब तक माइनर को पुख्ता नहीं किया जाता, तब तक विभाग इसकी देखरेख को भी प्राथमिकता देता नहीं दिख रहा है। बताया जा रहा है कि कई जगहों से माइनर के किनारे बिल्कुल टूटने की कगार पर हैं। वहां पर जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बरसात के मौसम में इसी वजह से माइनर हर बार टूट जाती है। वर्जन.

माइनर की देखरेख लगातार की जा रही है। चूंकि इसकी सीसी लाइनिग होनी है। इसलिए बाकी कार्य नही होना है। माइनर टूटने की नौबत न आए, इसलिए किनारे मजबूत किए जा रहे हैं।

-विनोद कुमार, एसडीओ, सिचाई विभाग

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