अंधेरा और ऊपर से सड़क पर तंबू, कदम-कदम पर है हादसे का खतरा

आंदोलनकारियों के तंबुओं के पीछे मेट्रो कालोनी की ऊंची इमारत पूरी जगमग है

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 06:40 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 06:40 AM (IST)
अंधेरा और ऊपर से सड़क पर तंबू, कदम-कदम पर है हादसे का खतरा
अंधेरा और ऊपर से सड़क पर तंबू, कदम-कदम पर है हादसे का खतरा

आंदोलनकारियों के तंबुओं के पीछे मेट्रो कालोनी की ऊंची इमारत पूरी जगमग है फोटो-4 व 5: रात का रिपोर्टर : जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

शहर का दिल्ली-रोहतक रोड। रात के 10:50 बजे हैं। मेट्रो स्टेशन से निकला एक बाइक सवार सदर थाना से थोड़ा आगे निकला ही था कि अचानक से तंबुओं के बीच से हाथ में बाल्टी लेकर निकला एक आंदोलनकारी सामने आ गया। बाइक सवार हड़बड़ाया। अचानक ब्रेक लगाए। गनीमत यह रही कि बाइक और आंदोलनकारी के बीच टक्कर नहीं हुई और बाइक भी किसी अन्य चीज से न टकराकर किसी तरह रुक गई। मगर हालात ऐसे कि बाइक यदि और जरा सी भी फिसलती तो उस पर सवार शख्स का सड़क पर गिरना तय था। उसमें चोट कितनी लगती इसका कोई अंदाजा नहीं। मंगलवार की रात संवाददाता की आंखों देखी यह स्थिति ब्यां कर रही थी कि आंदोलन के बीच जो तंबू सड़क पर लगे हैं या फिर ट्राली खड़ी हैं, उनसे तो हादसों का खतरा है ही लेकिन अंधेरे के बीच जब इन तंबुओं के बीच से निकले आंदोलनकारी सड़क पर तेजी से इधर-उधर आते-जाते हैं तो जान का खतरा उनके लिए भी होता है और दुपहिया वाहन सवारों के लिए भी। यहां से संवाददाता ने कदम जब दिल्ली की तरफ आगे बढ़ाए तो कई बिदुओं पर ऐसी ही स्थिति बनते-बनते बची। एक तो अंधेरा और ऊपर से डिवाइडर के साथ-साथ आड़े तिरछे लगे तंबू। परिस्थितियां बता रही थीं कि यहां से वाहन चालकों के लिए निकलना आसान नहीं है। यहां तंबू कम हुए, मगर परेशानी बरकरार :

रात के ठीक 11 बजे हैं। सेक्टर-नौ मोड़ के नजदीक मेट्रो कालोनी का मुहाना। यहां पर अंधेरा पसरा हुआ है। बीच-बीच में इक्का-दुक्का बाइक सवार या कार दिल्ली-रोहतक रोड से मेट्रो कालोनी की तरफ जा रही है। रास्ते पर पूरी तरह अंधेरे की चादर पसरी है। वाहन की रोशनी इस चादर को चीरती है तो सामने आंदोलनकारियों के तंबू नजर आते हैं। उनके पीछे मेट्रो कालोनी की ऊंची इमारत पूरी जगमग है। पहले की तुलना में इस मार्ग पर तंबू कम तो हैं मगर यहां से गुरजने वाले वाहनों के लिए परेशानी लगभग उतनी ही है। सामने बने तंबुओं से रात के समय बचकर निकलना होता है। बार्डर बंद तो यहां से गुजरते हैं ज्यादातर वाहन :

सांखौल के पास बराही मार्ग का मोड़। यहां पर भी अंधेरा है। रोहतक की तरफ से आने वाले मालवाहक वाहन अधिकतर यहीं से मुड़कर ड्रेन पर बनी सड़क की तरफ जा रहे हैं। पूछने पर एक वाहन के चालक से जवाब मिलता है महीनों हो गए। अब तो यहीं से वाहनों को टेढ़े-मेढ़े और असुरक्षित रास्तों से लेकर दिल्ली पहुंचना पड़ता है। टीकरी बार्डर बंद है। पता नहीं कब यह रास्ता खुलेगा।

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