खेतों में अत्यधिक जलभराव से फसल नष्ट हुई, अब रबी की बिजाई पर भी संकट
वर्षाें बाद यह स्थिति बनी हुई है। अनेक प्रभावित गांवों में अभी खेतों से पानी निकासी के पर्याप्त इंतजाम नहीं हो सके हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
इस बार हुई रिकार्ड तोड़ बारिश के कारण खेतों में जलभराव से फसलें तो नष्ट हो गई और अब अगले रबी सीजन की बिजाई पर भी संकट बना हुआ है। वर्षाें बाद यह स्थिति बनी हुई है। अनेक प्रभावित गांवों में अभी खेतों से पानी निकासी के पर्याप्त इंतजाम नहीं हो सके हैं। इसी कारण रबी फसल की बिजाई को लेकर भी संकट बना हुआ है। माना जा रहा है कि सरसों की बिजाई तो इस बार कम ही रकबे में हो पाएगी। वहीं गेहूं की बिजाई शुरू होने में भी अब एक महीना ही रह गया है। रात का तापमान अब धीरे-धीरे कम होने लगा है। ऐसे में अगर जलभराव वाले इलाकों से जल्द ही पानी की निकासी नहीं होती है तो फिर फसलों की बिजाई में देरी होगी। फसलें खराब होने से हुआ भारी नुकसान :
इस बार खरीफ सीजन में अत्यधिक फसलें खराब हो गई। जवार, बाजरा, अरहर, कपास की फसलें तो अधिकतर रकबे में पूरी तरह तबाह हो गई। वहीं गन्ने और धान की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इससे किसान भी इस बार परेशान हैं। क्षेत्र के गांव आसौदा, मांडौठी, रोहद, लोहारहेड़ी, जसौरखेड़ी, कुलासी, कानौंदा, बराही समेत आसपास के अनेक गांवो में फसलों को नुकसान पहुंचा है। आसौदा गांव के किसान महेंद्र सिंह ने बताया कि काफी रकबे में तो धान की फसल भी नष्ट हो गई। वहीं रोहद गांव के किसान कृष्ण ने बताया कि इस बार तो कई जगह खेतों में फसलों की जगह अब कमल के फूल खिल रहे हैं। ऐसी जगहों पर अत्यधिक पानी जमा हो रखा है। गांव के सरकारी स्कूल का भी आधा से ज्यादा हिस्सा पिछले दिनों पानी में डूब गया था। शासन-प्रशासन को जलभराव से निपटने के लिए स्थायी इंतजाम करने चाहिए। उधर, कृषि विभाग के अधिकारी डा. देवराज ओहल्याण ने बताया कि एक सीजन में औसतन जितनी बारिश होती है, उसके मुकाबले इस बार लगभग दो गुना तक बरसात हुई है।