कोरोना : चार दिन में जिले से तीन हजार से ज्यादा लिए सैंपल, एक भी पाजीटिव नहीं, पर सावधानी बरतनी होगी

-बहादुरगढ़ के ट्रामा सेंटर में तैयार हो रही आइसीयू और एचडीयू की यूनिट

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 09:55 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 09:55 PM (IST)
कोरोना : चार दिन में जिले से तीन हजार से ज्यादा लिए सैंपल, एक भी पाजीटिव नहीं, पर सावधानी बरतनी होगी
कोरोना : चार दिन में जिले से तीन हजार से ज्यादा लिए सैंपल, एक भी पाजीटिव नहीं, पर सावधानी बरतनी होगी

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर बरती जा रही सतर्कता के बीच जिले के अंदर चार दिन में तीन हजार से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं। हालांकि इनमें से एक भी कोरोना पाजीटिव नहीं मिला। अभी कोरोना के किसी तरह के वैरिएंट को लेकर केस नही हैं, मगर सावधानी पूरी तरह बरतनी होगी। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसी बात पर जोर दिया जा रहा है कि किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए। ओपीडी में आने वाले सिप्टोमेटिक मरीजों का हो रहा कोरोना टेस्ट, अब पहले से 30 प्रतिशत ज्यादा है रोजाना का सैंपल टारगेट :

कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। रोजाना सैंपल का टारगेट पिछले एक सप्ताह में 30 प्रतिशत तक बढ़ गया है। ओपीडी में आने वाले मरीजों में से यदि कोई कोरोना का सिप्टोमेटिक नजर आएगा, तो उसकी जांच भी जरूरी की गई है। कोरोना को लेकर जो तीसरी लहर की संभावना बन रही है उससे पहले ही जरूरी एहतियात बरते जा रहे हैं। दूसरी लहर जैसे हालात पैदा न हो। हालांकि अभी कोरोना वायरस शांत है। केस नहीं हैं। डिप्टी सिविल सर्जन डा. विनय देशवाल ने बताया कि ओपीडी में सभी मेडिकल आफिसर को यह हिदायत दी गई है कि यदि कोई सिप्टोमेटिक मरीज नजर आता है तो उसका टेस्ट जरूर करवाया जाए, ताकि कोरोना वायरस दोबारा से ज्यादा दिक्कत न कर सके। दूसरी ओर लोगों को भी सावधानी बरतनी चाहिए। यदि पहले ही सावधानी बरती जाएगी तो उससे कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। लोगों को हर तरह से सावधानी बरतनी होगी। उन्होंने बताया कि पिछले चार दिनों के अंदर जिले में तीन हजार से ज्यादा सैंपल लिए गए हैं। इनमें से कोई पाजीटिव नहीं आया है। 10 दिसंबर तक तैयार होने हैं आइसीयू व एचडीयू :

शहर के ट्रामा सेंटर में आइसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) और एचडीयू (हाइ डिपेंडेंसी यूनिट) बनाएं जा रहे हैं। इनको 10 दिसंबर तक तैयार करने का लक्ष्य है। इसके बाद यहां पर गंभीर मरीजों का इलाज हो सकेगा। दरअसल सिविल अस्पताल परिसर में ट्रामा सेंटर भवन का निर्माण तो कई साल पहले हो गया था, मगर काफी समय तक तो यह खाली भवन ही रहा। उसके बाद इसको चालू तो किया गया, लेकिन सिविल अस्पताल की महज इमरजेंसी सेवाओं को यहां पर शिफ्ट करके ही इसको ट्रामा सेंटर का नाम दे दिया गया। जब कोरोना ने दस्तक दी और मरीजों को दाखिल करने के साथ-साथ उन्हें जरूरी इलाज की दरकार महसूस हुई तब दूसरी लहर के बाद यहां पर आक्सीजन प्लांट भी लगाया गया है और ट्रामा सेंटर के भवन में ही आइसीयू व एचडीयू जैसी सुविधा के लिए निर्माण कार्य जारी है। वेंटिलेटर बेड तो कोरोना की पहली लहर में ही आ गए थे, लेकिन उन्हें स्थापित करने में भी काफी वक्त बीत गया। एक करोड़ में तैयार होगी आरटीपीसीआर लैब :

ट्रामा सेंटर के पास ही खाली हिस्से में आरटीपीसीआर लैब का निर्माण होगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक करोड़ रुपये से यह लैब तैयार होगी। इसके बाद ट्रामा सेंटर में सुविधाएं और बढ़ जाएगी। आइसीयू और एचडीयू तो यहां पहले चालू हो जाएंगे, लेकिन लैब को बनकर तैयार होने में कुछ वक्त लगेगा। बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डा. देवेंद्र मेघा ने बताया कि आइसीयू और एचडीयू को जल्द ही तैयार कराया जाएगा।

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