सांखोल में दस दिवसीय साझी त्योहार की रंगारंग शुरुआत

इस लोक कला को जिदा रखने के लिए बहादुरगढ़ से सटे सांखोल गांव में संघर्षशील जनकल्याण सेवा समिति ने म्हारी साझी म्हारी विरासत के तहत सांझी प्रतियोगिता करवाने का निर्णय लिया

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 06:00 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 06:00 PM (IST)
सांखोल में दस दिवसीय साझी त्योहार की रंगारंग शुरुआत
सांखोल में दस दिवसीय साझी त्योहार की रंगारंग शुरुआत

बहादुरगढ़, (विज्ञप्ति): हरियाणा की पारंपरिक लोक कला सांझी का इतिहास काफी पुराना है मगर आज यहीं लोक कला धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। इस लोक कला को जिदा रखने के लिए बहादुरगढ़ से सटे सांखोल गांव में संघर्षशील जनकल्याण सेवा समिति ने म्हारी साझी म्हारी विरासत के तहत सांझी प्रतियोगिता करवाने का निर्णय लिया और साथ ही दस दिवसीय साझी उत्सव गांव में मनाने का संकल्प लिया। मेजर सुधीर राठी ने बताया कि इसके तहत 10 दिवसीय साझी उत्सव की रंगारंग शुरुआत गांव की नहर वाली गली से की गई। शुभारंभ में गांव की 100 से अधिक महिलाओं ने इकट्ठा होकर सांझी माता के गीत गाए और सांझी माता की आरती की। इस अवसर पर सांझी प्रतियोगिता में सांझियों का निरीक्षण करने के लिए वैश्य बीएड कालेज की प्राचार्या डा. आशा शर्मा, संतोष फौगाट व गीता ने बतौर जज साझियों का घर-घर जाकर निरीक्षण भी किया। अब आने वाले कुछ दिनों में वे गांव में डाली गई सभी 60 सांझियों का निरीक्षण करेंगी। संतोष फौगाट ने साझी के महत्व के बारे में महिलाओं को बताया कि यह समाज को जोड़ने वाला त्योहार है। इस त्योहार में हम सबसे पहले गांव के ही तालाब से मिट्टी लेकर आते हैं और उस मिट्टी से चांद सितारे बनाए जाते हैं और अमावस्या के दिन सांझी माता की आकृति दीवार पर बनाई जाती है। प्रत्येक दिन दशहरे तक सांझी माता की पूजा की जाती है। सभी महिलाएं एकत्रित होकर दशहरे के दिन इस आकृति को उतारकर मटके में डालती हैं और फिर गांव के ही तालाब में उसे बहा दिया जाता है। इस प्रकार यह त्योहार हमें प्रकृति के साथ-साथ आपसी मेलजोल को बढ़ाने में मदद करता है। इस त्योहार के माध्यम से हमारे पूर्वजों ने हमें जल संसाधनों (तालाब कुएं और नदियां) के महत्व को भी बताया है। संजय प्रधान बताते हैं कि इस प्रतियोगिता में जिसकी भी सांझी सुंदर डली होगी, उसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल करने वाली साझियों को विशेष पुरस्कार व अन्य सभी को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार वितरण समारोह 15 अक्टूबर को होगा। उद्घाटन समारोह में क्लीन एंड ग्रीन एसोसिएशन व रोबिन हुड आर्मी को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। पूरे गांव में सांझी त्योहार को लेकर एक जश्न का माहौल है।प्रतिदिन अलग-अलग जगह पर यह मनाया जाएगा।

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