फिर से 350 से ऊपर पहुंचा एक्यूआइ का स्तर, हवा तेज होने पर मिलेगी राहत

शनिवार को सुबह से शाम तक इसमें वृद्धि ही दर्ज की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 05:45 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 05:45 PM (IST)
फिर से 350 से ऊपर पहुंचा एक्यूआइ का स्तर, हवा तेज होने पर मिलेगी राहत
फिर से 350 से ऊपर पहुंचा एक्यूआइ का स्तर, हवा तेज होने पर मिलेगी राहत

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

कई दिनों तक प्रदूषण की वजह से बंद रहने के बाद स्कूल तो एक दिन पहले खुल चुके हैं लेकिन हवा अभी भी जहरीली है। एयर क्वालिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का स्तर फिर से 400 की तरफ बढ़ रहा है। शनिवार को सुबह से शाम तक इसमें वृद्धि ही दर्ज की गई। कमी नहीं आई। हवा की गति मंद पड़ने से ये हालात बन रहे है। सुबह में एक्यूआइ का स्तर 353 पर था ,मगर शाम को यह 372 पर पहुंच गया। इससे सांसों में घुटन रही और आमजन की परेशानी भी बढ़ गई। इधर, शहर में अब निर्माण कार्य की गतिविधियां चल रही हैं। दिल्ली में निर्माण कार्य पर लगी पाबंदी हटने के बाद बहादुरगढ़ में भी इस तरह की गतिविधियां चालू हैं। पिछले दिनों तो वाहनों में खुले तौर पर निर्माण सामग्री की ढुलाई करने पर कई वाहन चालकों के खिलाफ केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। सड़कों से उड़ती धूल रोकने पर नहीं रहा कुछ :

क्षेत्र में सड़कों से धूल उड़ती है। कहीं पर तो सड़क टूटी हुई है और कहीं पर सड़क के दोनों तरफ महीन रेत जमा है। इससे वाहनों की आवाजाही से धूल उड़ती रहती है। उससे भी प्रदूषण का स्तर कहीं ज्यादा बढ़ जाता है, मगर इस तरफ प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों का कहना है कि दिल्ली-रोहतक रोड ही नहीं बल्कि तमाम लिक मार्गों और ड्रेन रोड पर भी यही हालात बने हुए हैं। पिछले दिनों निर्माण कार्याें, भवन निर्माण सामग्री खुले में डालने समेत कई तरह की गतिविधियों पर तो रोक लगा दी गई और बाकायदा उल्लंघन करने पर चालान भी काटे गए, मगर जहां पर प्रशासन की ओर से खुद व्यवस्था करनी चाहिए, वहां पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। हवा तेज होने पर ही मिलेगी राहत :

फिलहाल रातें तो ठंडी होने लगी हैं, मगर प्रदूषण से राहत तो तेज हवा में ही मिल सकती है। पिछले दिनों जब हवा की गति बढ़कर 18 किलोमीटर प्रति घंटा पर पहुंची तो एक्यूआइ का स्तर भी 300 के नीचे आ गया था। मगर जैसे ही हवा मंद पड़ी तो यह फिर से बढ़ गया है। यह होना चाहिए पीएम 2.5 का स्तर :

पीएम का अर्थ है पर्टिकुलेट मैटर। यह हवा में ठोस या तरल रूप में मौजूद अति सूक्ष्म कण हैं। जिन कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है उन्हें पीएम 2.5 तथा जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर से कम होता है, उन्हें पीएम 10 कहा जाता है। इन कणों में हवा में मौजूद कार्बन मोनोक्साइड, कार्बनडाइ आक्साइड आदि घुले होते हैं। जिससे यह जहरीला हो जाता है। पीएम 2.5 का स्तर 60 से अधिक होने पर यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। सूक्ष्म कण सांस के लिए जरिये फेफड़ों में पहुंचते हैं, जो रक्त में आक्सीजन की मात्रा को कम कर देते हैं। इससे सांस लेने में तकलीफ होती है। हवा में पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 100 और पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होनी चाहिए।

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