बहादुरगढ़ तहसील में अप्रैल 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक 7ए क्षेत्र की मिली 2017 रजिस्ट्रियां, कटघरे में आठ अधिकारियों की भूमिका

- पांच तहसीलदारों व तीन नायब तहसीदारों ने की हैं ये रजिस्ट्रियां बड़े स्तर पर हुआ गोलमाल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 07:40 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 07:40 AM (IST)
बहादुरगढ़ तहसील में अप्रैल 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक 7ए क्षेत्र की मिली 2017 रजिस्ट्रियां, कटघरे में आठ अधिकारियों की भूमिका
बहादुरगढ़ तहसील में अप्रैल 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक 7ए क्षेत्र की मिली 2017 रजिस्ट्रियां, कटघरे में आठ अधिकारियों की भूमिका

- पांच तहसीलदारों व तीन नायब तहसीदारों ने की हैं ये रजिस्ट्रियां, बड़े स्तर पर हुआ गोलमाल

- मंडलायुक्त की जांच के बाद जिला उपायुक्त की ओर से एसडीएम के माध्यम से करवाई जांच में हुआ खुलासा फोटो-4: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

बहादुरगढ़ तहसील में अप्रैल 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्रों का विनियमन की धारा 7ए के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में 2017 रजिस्ट्रियां की गई हैं। इन सभी रजिस्ट्रियों का रिकार्ड सरकार को भेजा गया है। साथ ही यह भी सूचना भेजी गई है कि ये रजिस्ट्रियां कितने रकबे, रजिस्ट्री नंबर व तारीख, किस गांव का रकबा, किस तहसीलदार व नायब तहसीलदार और रजिस्ट्री क्लर्क ने ये रजिस्ट्रियां कर रखी हैं। साथ ही किस अधिकारी ने कितनी रजिस्ट्रियां की हैं, इसकी सूची भी सरकार को भेजी गई है। 2017 से लेकर 2020 तक 7ए क्षेत्र में हुई रजिस्ट्रियों की जांच पहले मंडल आयुक्त की टीम ने की थी तथा बाद में जिला उपायुक्त के आदेश पर एसडीएम बहादुरगढ़ ने भी की थी। इनकी जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस अवधि के दौरान करीब 2017 रजिस्ट्रियां पूरी तरह संदिग्ध हैं। ये सभी रजिस्ट्रियां 7ए क्षेत्र में जिला नगर योजनाकार की एनओसी के बिना बहादुरगढ़ में रहे पांच तहसीलदार व तीन नायब तहसीलदारों ने अपने-अपने कार्यकाल के दौरान की हैं। तहसील अधिकारियों की ओर से बड़े पैमाने पर किए गए इस गोलमाल की परत अब खुल गई हैं। अब अधिकारियों की रिपोर्ट पर सरकार की ओर से ही इनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात चल रही है। उपमुख्यमंत्री के आदेश पर हुई थी वर्ष 2017 से अब तक की रजिस्ट्रियों की जांच:

दरअसल, शहरी क्षेत्र 7ए के तहत अधिसूचित क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान भारी संख्या में नियमों की अनदेखी करके रजिस्ट्रियां हो गई थीं। सरकार ने इस संबंध में जांच के आदेश देकर 22 जुलाई 2020 से 17 अगस्त 2020 तक रजिस्ट्रियां बंद कर दी थीं तथा एक सितंबर 2020 से नया साफ्टवेयर भी लागू कर दिया था। इस नए साफ्टवेयर में 7ए के तहत अधिसूचित क्षेत्र की रजिस्ट्रियां ही नहीं हो सकती। उधर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अप्रैल 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक की रजिस्ट्रियों की भी जांच करने के आदेश दिए थे, जिसके चलते मंडल आयुक्त की ओर से जांच शुरू की गई थी। मंडल आयुक्त की टीम ने बहादुरगढ़ तहसील के अंतर्गत 7ए के तहत आने वाले हसनपुर, परनाला, बीर बरख्ताबाद, सांखोल, जाखौदा, बालौर समेत 18 गांव की जमीन की रजिस्ट्रियां चैक की थीं, जो नियमों की अनदेखी करके की गई हैं। किस तहसीलदार ने कितनी की 7ए क्षेत्र की रजिस्ट्रियां:

नाम रजिस्ट्रियों की संख्या

कनब लाकड़ा 113

बंसीलाल 602

मुखत्यार सिंह 31

नरेंद्र दलाल 271

विकास 141 नायब तहसीलदार

श्रीभगवान 804

वेदराम सैनी 28

जगबीर 27 तीन साल में कुल हुई रजिस्ट्रियों का ब्योरा:

साल कुल रजिस्ट्रियां सेल डीड

2017 9313 4270

2018 11665 4942

2019 11641 5564

2020 अगस्त तक 4715 ---

कुल 37334 14776 वर्जन.

अप्रैल 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक शहरी क्षेत्र 7ए के तहत अधिसूचित क्षेत्र में कितनी रजिस्ट्रियां हुई हैं, इसको लेकर जांच की गई थी। यह जांच रिपोर्ट सरकार को भेजी जा चुकी है। जांच रिपोर्ट में किस तहसीलदार व नायब तहसीलदार ने कितनी रजिस्ट्रियां की, उनकी डिटेल भी है।

-नरेंद्र दहिया, असिस्टेंट, मंडल आयुक्त कार्यालय, रोहतक।

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