रैन बसेरे से पानी टपकने लगा तो रेडक्रॉस सोसायटी ने छोड़ा, अब नगर परिषद की देखरेख में

संजू कुमार अंबाला नगर परिषद की ओर से करीब डेढ करोड़ की लागत से बस स्टैंड के पास रैन बसेरे का निर्माण कार्य कराया गया था। यह निर्माण कार्य करीब एक साल में पूरा है। दिसंबर में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने रैन बसेरे का उद्घघाटन किया था। लेकिन उद्घघाटन को दो माह पूरे भी नहीं हो पाए। रैन बसेरे की हालत खराब होने लगी। पिछले कई दिनों से रैन बसेरे में शौचालय का पानी टपकने लगा है। रैन बसेरे में रूक पाना भी दुभर हो गया है। लेंटर से पानी नीचे कमरों में आता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Jan 2020 07:11 AM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 07:11 AM (IST)
रैन बसेरे से पानी टपकने लगा तो रेडक्रॉस सोसायटी ने छोड़ा, अब नगर परिषद की देखरेख में
रैन बसेरे से पानी टपकने लगा तो रेडक्रॉस सोसायटी ने छोड़ा, अब नगर परिषद की देखरेख में

संजू कुमार, अंबाला

नगर परिषद की ओर से करीब डेढ़ करोड़ की लागत से बस स्टैंड के पास रैन बसेरे का निर्माण कार्य कराया गया था। यह निर्माण कार्य करीब एक साल में पूरा हुआ है। दिसंबर में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने रैन बसेरे का उद्घाटन किया था, लेकिन उद्घाटन को दो माह पूरे भी नहीं हो पाए कि रैन बसेरे की हालत खराब होने लगी। कई दिनों से रैन बसेरे में शौचालय का पानी टपक रहा है। इससे रैन बसेरे में रुक पाना भी दूभर हो गया है। लेंटर से पानी कमरों में आता है। ऐसे में लोगों ने रैन बसेरे में भी आना छोड़ दिया।

उधर, रेडक्रॉस सोसाइटी ने भी इसको चलाने से मना कर दिया। अब नगर परिषद की देखरेख में रैन बसेरा चल रहा है। लोगों ने बाद में डीसी अशोक कुमार से कुछ दिन पहले की थी। डीसी को मंगलवार को रैन बसेरे का निरीक्षण करने के लिए आना था, लेकिन किसी कारण उनका कार्यक्रम रद हो गया। बुधवार को डीसी ने नगर परिषद का निरीक्षण किया तो उससे पहले ही अधिकारियों ने टीम को भेजकर रैन बसेरे का मरम्मत कार्य कराकर सही करा दिया। रेडक्रॉस से छोड़ी जिम्मेदारी

रैन बसेरा पहले नगर परिषद की देखरेख में चल रहा था, लेकिन अब रैन बसेरे की हालत खस्ता होने लगी तो रेडक्रॉस सोसायटी ने पल्ला झाड़ लिया। क्योंकि मरम्मत कार्य नहीं करा पाया। कुछ दिन पहले यह जिम्मेदारी नगर परिषद को दोबारा से मिली। उधर, नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि रेडक्रॉस सोसाइटी ने रैन बसेरे को चलाने से मना कर दिया है। वह अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभा पा रहे। अब उनकी देखरेख में रैन बसेरा चलेगा। लोगों को नहीं मिल रही सुविधा

रैन बसेरा बनाकर तैयार तो कर दिया गया, लेकिन इसका संचालन सही से नहीं हो पा रहा है। आज भी लोगों को फूटपाथ पर सर्दी में रात गुजारनी पड़ी रही है। वहीं अफसर भी रैन बसेरे को चलाने में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। पिछले सप्ताह भर से पानी टपक रहा था। नगर परिषद के अधिकारियों ने कोई सूध तक नहीं ली। डीसी के निरीक्षण से दो घंटे पहले रैन बसेरे को सही कराया गया। फोटो-49

अंबाला कैंट में हमारे पास रैन बसेरे चलाने के लिए मैन पावर नहीं है। शहर में दो रैन बसेरों का संचालन हमारे द्वारा किया जा रहा है। उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर यह फैसला लिया गया है।

- विजय लक्ष्मी, सचिव रेडक्रॉस सोसायटी फोटो-50

रैन बसेरे को चलाने की जिम्मेदारी रेडक्रॉस ने ली थी, लेकिन अब रैन बसेरे को चलाने से मना कर दिया है। फिलहाल हमारी देखरेख में रैन बसेरे का संचालन किया जा रहा है। जो भी काम होना है। वह हमारे द्वारा होगा।

राजेश, सचिव, नगर परिषद, अंबाला छावनी

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