पालीग्रास फुटबाल मैदान का टीम कर चुकी निरीक्षण, अब एथलेटिक ट्रैक के लिए तैयारी

जागरण संवाददाता अंबाला अंबाला कैंट में बन रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर के पालीग्रास फुटबाल स्टे

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:02 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:02 AM (IST)
पालीग्रास फुटबाल मैदान का टीम कर चुकी निरीक्षण, अब एथलेटिक ट्रैक के लिए तैयारी
पालीग्रास फुटबाल मैदान का टीम कर चुकी निरीक्षण, अब एथलेटिक ट्रैक के लिए तैयारी

जागरण संवाददाता, अंबाला: अंबाला कैंट में बन रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर के पालीग्रास फुटबाल स्टेडियम का फीफा की प्रतिनिधि टीम निरीक्षण कर चुकी है। अब सिथेटिक एथलेटिक ट्रैक का इंतजार है, जिसके लिए मोंडो कंपनी की प्रतिनिधि टीम अंबाला कैंट के वार हीरोज स्टेडियम में निरीक्षण के लिए आएगी।

फुटबाल स्टेडियम का निर्माण कार्य अभी चल रहा है और इसके पूरा होने के बाद चार सौ मीटर का आठ लेन का एथलेटिक ट्रैक बनाया जाना। इसी टीम के निरीक्षण के बाद ट्रैक को हरी झंडी मिलेगी। इसके अलावा यहां पर लंबी कूद और ट्रिपल जंप की भी व्यवस्था रहेगी। गुरुग्राम से आइ लैबो स्पो‌र्ट्स की टीम, मैथ्यू और दीपक, ने वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में बन रहे पालीग्रास फुटबाल मैदान का निरीक्षण किया था। टीम ने मैदान को हर स्तर पर चेक किया है और इसकी रिपोर्ट फीफा को भेजी जाएगी। बताया जा रहा है कि सभी पैरामीटर सही पाए गए हैं। रिपोर्ट के बाद फीफा की ओर से सर्टिफिकेशन जारी किया जाएगा। दस मैच के बाद मशीन से होगा मैदान का लेवल

पालीग्रास टर्फ तो बिछा दी गई है, जबकि इसके रखरखाव को भी खास ध्यान रखना होगा। मैच के दौरान इस टर्फ को थोड़ा बहुत नुकसान होगा। इसके लिए मशीन के माध्यम से रिपेयर होगी। लगभग दस मैच के बाद मशीन के माध्यम से इस टर्फ को फिर से सही किया जाएगा। हालांकि टर्फ को बदलने की जरूरत नहीं होगी। बरसाती पानी निकासी के लिए टर्फ के नीचे जाल

पालीग्रास टर्फ पर बरसाती पानी का असर नहीं रहेगा। इस टर्फ के नीचे व्यवस्था इस तरह से बनाई है कि पानी इस टर्फ के नीचे बिछाए गए जाल से पाइप के जरिये बाहर कर दिया जाएगा। सिथेटिक एथलेटिक ट्रैक की तैयारी

इसी फुटबाल मैदान के चारों ओर चार सौ मीटर का सिथेटिक एथलेटिक ट्रैक बिछाया जाएगा। इसके लिए इटली की मोंडो कंपनी की टीम के भारतीय प्रतिनिधि इसको चेक करेंगे। इस एथलेटिक ट्रैक का निर्माण तभी शुरु होगा, जब स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा होगा। इसके बाद ही ट्रैक बिछाया जाएगा।

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