कागजों में स्टेट हाईवे, भूरेवाला तक ¨लक रोड जैसे हालात
नारायणगढ़-रायपुररानी सड़क क्षेत्र को जहां राज्य की चंडीगढ़ से जोड़ती है वहीं हिमाचल के नाहन पांवटा साहिब व उत्तराखंड के देहरादून व अन्य स्थानों के लिए इस सड़क से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं।
संवाद सहयोगी, नारायणगढ़ : नारायणगढ़-रायपुररानी सड़क क्षेत्र को जहां राज्य की चंडीगढ़ से जोड़ती है, वहीं हिमाचल के नाहन, पांवटा साहिब व उत्तराखंड के देहरादून व अन्य स्थानों के लिए इस सड़क से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। कागजों में इस मार्ग को स्टेट हाईवे न?ंबर 1 का दर्जा हासिल है। नारायणगढ़ से पंचकूला जिले की सीमा तक इस सड़क की बदहाल हालत को देख कर सरकार के विकास के दावे हवा-हवाई लगते हैं। शहर की नगरपालिका सीमा से भूरेवाला गांव तक सड़क में बने गड्ढ़ों से इस सड़क पर वाहन खासकर दोपहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क के निर्माण व रिपेयर का जि?म्मा उठाने वाला लोकनिर्माण विभाग इसकी रिपेयर करने की बजाए इनमें मिट्टी डाल कर खानापूर्ति कर रहा है या फिर विभाग की ओर से डाली गई बजरी सड़क पर जगह-जगह बिखर कर हादसों को न्यौता दे रही है। कमोबेश ऐसी ही हालत ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों लाहा-मंडलाए रोड, नारायणगढ़-मियांपुर सड़क आदि की भी है लेकिन जनता को पेश आ रही दिक्कतों से मानो शासन-प्रशासन को कोई सरोकार ही न हो।
दावे फोरलेन के लेकिन मौजूदा हाल बेहाल
राज्यमंत्री नायब सैनी की ओर से इस सड़क को जिला पंचकूला की सीमा तक फोरलेन बनाने का दावा किया जा रहा है। 6 सितंबर 2018 को नारायणगढ़ पहुंचे सीएम की जनसभा में इसकी मांग की गई थी। विभाग के अनुसार इसको दो नए पुलों के साथ स्वीकृति भी मिल चुकी है, लेकिन इसके बनने में अभी ल?ंबा समय लगेगा और लगता है कि विभाग फोरलेन बनाने के चक्कर में इसकी रिपेयर को ही भूल गया है।