जिले में बेटियों को बचाने का साकार हुआ सपना, सितंबर में 925 पहुंचा ग्राफ
जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सपना साकार होने लगा है। स्वास्थ्य विभाग के नियमित प्रयास से लिग अनुपात में बेटियों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सपना साकार होने लगा है। स्वास्थ्य विभाग के नियमित प्रयास से लिग अनुपात में बेटियों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। जिले में वर्ष 2014 में लिगानुपात में 865 बेटियां थी, जो वर्तमान में वर्ष 2020 में सितंबर तक 925 तक पहुंच गया है।
मालूम हो कि अंबाला में स्वास्थ्य विभाग लिग जांच करने वालों की नियमित निगरानी करती है। वहीं लिग जांच करने पर सीधे रंगे हाथो दबोच रही है। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लोगों को बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के प्रति जागरुक किया जाता है। इसमें लोगों को समझाया जाता है कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है। बेटी भी देश का नाम रोशन करने में अहम भूमिका निभा रही है।
इसलिए स्वास्थ्य विभाग के कठिन प्रयास से लिगानुपात में बेटियों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। ट्विन सिटी में वर्ष 2014 में लिग अनुपात 865 पहुंच गया था। लेकिन अब हर साल लिग अनुपात में बेटियों का ग्राफ बढ़ा है। वर्ष 2020 के सितंबर में लिगानुपात 925 तक पहुंच गया है। विभाग की मानें तो जिले में लोगों की बेटियों के प्रति सोच में भी बदलाव आया है। ------------------------------
जिले का लिगानुपात
वर्ष 2014-865
वर्ष 2015-874
वर्ष 2016-912
वर्ष 2017-925
वर्ष 2018-916
वर्ष 2019-961
वर्ष 2020 सितंबर तक 925 ------------
वर्जन
स्वास्थ्य विभाग लिग जांच करने वालों पर नियमित छापेमारी करता है। वहीं सीएचसी व पीएचसी पर भी लोगों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रति जागरूक किया जाता है। विभाग के प्रयास से ही लिंगानुपात में सुधार हुआ है।
डा. बलविदर कौर, डिप्टी सिविल सर्जन, स्वास्थ्य विभाग