यूपी-बिहार के बच्चे अपने घर चले गए, इसलिए उनके नाम के राशन में लग गई थी सुरसरी

प्रेम नगर के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राशन में मिले कीड़ों के मामले में-प्राइमरी विग इंचार्ज बोलीं-मेरे पास पक्के सुबूत हैं शिकायतकर्ता ने साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 06:26 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 06:26 AM (IST)
यूपी-बिहार के बच्चे अपने घर चले गए, इसलिए उनके नाम के राशन में लग गई थी सुरसरी
यूपी-बिहार के बच्चे अपने घर चले गए, इसलिए उनके नाम के राशन में लग गई थी सुरसरी

-प्राइमरी विग इंचार्ज बोलीं-मेरे पास पक्के सुबूत हैं, शिकायतकर्ता ने साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर

प्रेम नगर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में चल रहे प्राइमरी विग में डायरेक्टर आफिस से आए जीएम को बच्चों के राशन में जो सुरसरी(कीडे़) मिली, वह इसलिए लगी थी क्योंकि प्राइमरी विग में ज्यादातर बच्चों की संख्या यूपी-बिहार के पढ़ने वाले बच्चों की है जो कोरोना काल के दौरान अपने घर गए हुए हैं। ऐसे में उनके नाम का राशन स्टाक है। ऊपर से मानसून सीजन की बरसात होने के चलते राशन में नमी आ गई और राशन में सुरसरी लग गई। हालांकि जांच अधिकारी जीएम संजीव कुमार ने रिपोर्ट को तैयार करने अपने साथ ले गए हैं, मगर प्राइमरी विग इंचार्ज हरिद्र कौर का कहना है उनका पूरा रिकार्ड मेनटेन है, उनके पास सारे पक्के सबूत हैं। मगर आरटीआइ शिकायतकर्ता ने उन्हें फंसाने की कोशिश की है। टीम ने जो भी रिकार्ड मांगा। वह उपलब्ध कराया गया।

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मिली शिकायत में यह आरोप लगे मिले

जिस शिकायत के बाद विभागीय टीम के जीएम संजीव कुमार जांच करने के लिए प्राइमरी विग में पहुंचे थे। वह शिकायत आरटीआइ एक्टिविस्ट अनिल ने 13 जुलाई 2021 को की थी। इस शिकायत में उन्होंने बताया कि जीपीएस प्रेम नगर में प्राइमरी इंचार्ज द्वारा अप्रैल 2017 से 16 जून 2020 तक नियमों को ताक पर रखकर स्कूल के प्राइमरी विग मिड-डे मील में फर्जी बिलों से तथा वित्तीय नियमों को दरकिनार कर अनियमिताएं कर मिड-डे मील फंड में स्कूल के बच्चों के लिए आई राशि का गबन किया है। उधर, प्राइमरी इंचार्ज हरिद्र कौर का कहना है उनपर जो आरोप लगे वह निराधार हैं। उन्होंने अपना सारा रिकार्ड अच्छे से मेनटेन किया हुआ है। जांच टीम को भी सही पाया गया। इसके अलावा शिकायतकर्ता उन्हें किसी साजिश के तहत फंसाना चाहते हैं।

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