61 साल पहले दादा ने बेची थी प्रापर्टी और अब पोते ने फर्जीवाड़ा कर करवाई नाम
सन 1956 में जिस प्रापर्टी को दादा ने बेच दिया इसी संपत्ति सन 2017 में मालिकाना हक दावा कर पोते ने नगर परिषद अंबाला सदर में अपने नाम म्यूटेशन करा लिया। इस बीच यह प्रापर्टी करीब पांच बार बिकी पर मौजूदा समय इस पर इनेलो के प्रवक्ता ओंकार सिंह के पुत्र दमनप्रीत सिंह और भतीजे परमिदर सिंह मालिक हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला : सन 1956 में जिस प्रापर्टी को दादा ने बेच दिया इसी संपत्ति सन 2017 में मालिकाना हक दावा कर पोते ने नगर परिषद अंबाला सदर में अपने नाम म्यूटेशन करा लिया। इस बीच यह प्रापर्टी करीब पांच बार बिकी पर मौजूदा समय इस पर इनेलो के प्रवक्ता ओंकार सिंह के पुत्र दमनप्रीत सिंह और भतीजे परमिदर सिंह मालिक हैं। नगर परिषद में हुए इस खेल की जानकारी जब दमनप्रीत और परमिदर को हुई तो उन्होंने अंबाला छावनी के सदर थाने में शिकायत दी। शुक्रवार देररात पुलिस ने दुबई निवासी संजीव मेहता सहित 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उधर इसी प्रापर्टी को लेकर मेहता ने खुद को मालिक बताते हुए कोर्ट में भी केस दायर कर रखा है। अब एक ही प्रापर्टी के कागजों में दो मालिक बन चुके हैं, महज 59 गज प्रापर्टी का विवाद कोर्ट के बाद अब पुलिस थाने में पहुंच चुका है।
हुआ यूं कि कच्चा बाजार के मकान नंबर 3140 और 3141 के मालिक वर्ष 1952 में गुरदित्ता मल व राम दित्ता मल थे। जिन्होंने वर्ष 1956 में यह प्रापर्टी वधावा राम व ठाकुर दास को बेच दी थी। वधावा राम व ठाकुर दास ने वर्ष 1959 में इस प्रापर्टी को कुनन सिंह को बेच दिया था। जिसने आगे वर्ष 1964 में हाड़ी राम को बेच दिया था। हाड़ी राम की मृत्यु के बाद उसकी इकलौती पुत्री शांति पत्नी कमल कुमार इस प्रापर्टी की मालिकिन बन गई। शांति ने वर्ष 2021 में यह संपत्ति दमनप्रीत सिंह व परमिदर सिंह को बेच दी। दूसरी तरफ गुरदित्ता मल के ही पोते संजीव मेहता ने अपनी बहन पूनम भाटिया व 9 रिश्तेदारों के साथ मिलकर, झूठे शपथ पत्र लगाकर 1956 में बेची जा चुकी संपत्ति को अपने नाम करा लिया। इस मामले में पुलिस ने दमनप्रीत सिंह की शिकायत पर संजीव मेहता, पूनम भाटिया, रमेश मेहता, राज मिगलानी, शालिनी, गरिमा, नीरज, विपन, ईशा, सौरभ व शमा मेहता के खिलाफ धारा 406, 420, 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।