एसडीएम बोले- बाहर निकलो, किसानों का जवाब- दफ्तर सरकारी और तुम जनता के नौकर
अनाज मंडी में धान न बिकने का दुखड़ा रोने गए किसानों और एसडीएम सचिन गुप्ता में ही गर्मा-गर्मी हो गई। बात यहां तक बढ़ गई कि एसडीएम ने किसानों को बोल दिया कि बाहर निकलो।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : अनाज मंडी में धान न बिकने का दुखड़ा रोने गए किसानों और एसडीएम सचिन गुप्ता में ही गर्मा-गर्मी हो गई। बात यहां तक बढ़ गई कि एसडीएम ने किसानों को बोल दिया कि बाहर निकलो। इसके बाद किसान भी भड़क गए। किसानों ने कहा कि यह सरकारी दफ्तर है और तुम जनता के नौकर हो। किसानों ने एसडीएम पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया और कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। इसके बाद एसडीएम ने हाथ जोड़कर माफी मांगी और विवाद सुलझा।
बता दें कि धान की खरीद न होने पर किसान करीब सवा 12 बजे एसडीएम सचिन गुप्ता के पास अपनी गुहार लगाने के लिए पहुंचे थे। यहां किसानों ने मुलाकात के लिए पर्ची पर लिखकर भेजी। एसडीएम की ओर से मैसेज मिला कि एक घंटा लगेगा। किसान खड़े होकर एक बजे तक इंतजार करते रहे। जब किसानों ने दोबारा मैसेज दिया तो उन्हें कहा गया कि दो मिनट और रुक जाएं, लेकिन दस मिनट तक भी सुध नहीं ली गई। कार्यालय से किसान यह कहकर जाने लगे कि अगर नहीं मिलना चाहते तो वह जा रहे हैं। तभी एसडीएम ने किसानों को अंदर बुला लिया। किसानों का कहना है कि अंदर सीसीटीवी में देखकर किसानों को बुलाया गया। किसानों ने अपनी बात रखी कि खरीद नहीं शुरू हुई है, मंडी में कोई व्यवस्था नहीं है। इस पर एसडीएम ने किसानों से कहा कि बाहर निकलो। किसानों ने जवाब दिया कि यह सरकारी दफ्तर है और आप जनता के नौकर हैं। किसान दफ्तर से बाहर आ गए और धरना पर बैठ गए। डेढ़ बजे किसानों को मनाने के लिए तहसीलदार बाहर आ गए। किसानों ने एसडीएम के कार्यालय में जाने से मना कर दिया। इसके बाद 1 बजकर 40 मिनट पर एसडीएम बाहर आए और जहां डेढ़ मिनट तक किसानों के सामने जमीन पर बैठे और उनसे हाथ जोड़कर माफी मांगी। इस पर किसानों ने भी सम्मान देते हुए हाथ जोड़े। इसके बाद मामला निपटा।
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-अनाज मंडी में नहीं हो रही खरीद
अनाज मंडी से भले ही सरकारी खरीद को लेकर घोषणा हो चुकी है, लेकिन अभी तक अनाज मंडी में धान की खरीद नहीं हो पा रही। इसके चलते किसान परेशान हो रहे हैं। किसान पिछले कई-कई दिनों अनाज मंडी में बैठे, लेकिन धान की बिक्री नहीं हुई। इस मौके पर जय सिंह, सुखविद्र सिंह जलबेहड़ा, मनजीत सिंह, बलदेव संभालखी, सुखविद्र कौलां, बलजिद्र सिंह कौलां, जसबीर मटेड़ी जट्टां, हरजिद्र सिंह धराला, प्रीतम सिंह आदि किसान थे।