एनसीसी के रिफ्रेशमेंट फंड में घोटाला, एसोसिएट एनसीसी आफिसर के खिलाफ केस

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बीसी बाजार में नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के रिफ्रेशमेंट बिलों में जमकर घपला किया गया। शिकायतों का सिलसिला साल 2016 में हुआ जबकि पुलिस सहित विजिलेंस और शिक्षा विभाग को शिकायतें दी गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:04 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 09:04 PM (IST)
एनसीसी के रिफ्रेशमेंट फंड में घोटाला, एसोसिएट एनसीसी आफिसर के खिलाफ केस
एनसीसी के रिफ्रेशमेंट फंड में घोटाला, एसोसिएट एनसीसी आफिसर के खिलाफ केस

जागरण संवाददाता, अंबाला : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बीसी बाजार में नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के रिफ्रेशमेंट बिलों में जमकर घपला किया गया। शिकायतों का सिलसिला साल 2016 में हुआ, जबकि पुलिस सहित विजिलेंस और शिक्षा विभाग को शिकायतें दी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब अंबाला कैंट थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर स्कूल की प्रिसिपल सैलजा रानी निवासी जग्गी कालोनी की शिकायत पर स्कूल की एनसीसी विग के एसोसिएट एनसीसी आफिसर (एएनओ) विजेंद्र सिंह डागर के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रिसिपल ने एएनओ पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिन पर अब पुलिस जांच शुरू करेगी। यह है मामला

प्रिसिपल सैलजा रानी ने बताया विजेंद्र सिंह डागर स्कूल में बायोलाजी लेक्चरर हैं, जिनको स्कूल में नेशनल कैडेट कमीशन द्वारा एएनओ की जिम्मेदारी भी सौंपी है। स्कूल में करीब सौ कैडेट हैं, जो हर साल एनसीसी कैंप में भाग लेते हैं। उन्होंने बताया कि नियमित चेकिग के दौरार उन्होंने पाया किया एनसीसी कैडेटों को दी जाने वाली रिफ्रेशमेंट वाउचर में काफी घपला है। इस में प्रिसिपल के फर्जी साइन भी इन वाउचरों पर किए गए हैं। इसकी शिकायत 2 हरियाणा बटालियन को साल 2016 से 2017 के दौरान ईमेल से डिप्टी डायरेक्टर एनसीसी पंजाब एवं हरियाणा चंडीगढ़ को इसकी शिकायत दी, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। इसके बाद उनको 2 हरियाणा एनसीसी बटालियन के कमांडिग आफिसर द्वारा उनको बुलाया गया, जहां कुछ बिल दिखाए। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2018 के बिलों को छोड़कर सभी बिल संदिग्ध दिखे, जबकि इस में फर्जी साइन भी दिखे। यह लगाए हैं प्रिसिपल ने आरोप

- रिकार्ड चेक करने पर पता चला कि कैडेटों को उपस्थित दिखाया गया, जबकि वे उस दिन स्कूल और परेड में अनुपस्थित थे

- जिस दिन आरोपित अंबाला से बाहर अथवा राजपत्रित अवकाश पर थे, उस दिन का रिफ्रेशमेंट वाउचर भी जारी किया गया

- कुछ कैडेट ऐसे मिल, जो स्कूल की एनसीसी में ही शामिल नहीं थे, जबकि स्कूल में ही दाखिला नहीं लिया

- साल 2018 व 2019 में कुछ ऐसे बच्चों के नाम से भी रिफ्रेशमेंट रजिस्टर में हाजिरी दिखाई, जो स्कूल में इस दौरान पढ़े ही नहीं

- कई विद्यार्थियों के नाम स्कूल से काट दिए गए, लेकिन उनकी भी एनसीसी रजिस्टर में अटेंडेंस दिखा दी गई

- स्कूल के कुछ एनसीसी कैडेटों को एएनओ द्वारा सीधे द्वितीय वर्ष में दिखा दिया गया, जबकि पहले साल के बाद ही इनको दूसरे साल में लाया जा सकता है

- साल 2015 की गणतंत्र दिवस की परेड में भी आरोपित ने कुछ फर्जी कैडेटों को शामिल होना दिखाया है

जिसने कभी स्कूल में नौकरी की, उसका भी अनुभव प्रमाणपत्र जारी किया

उक्त सरकारी स्कूल से एक कंपनी द्वारा अनुभव प्रमाणपत्र की वेरिफिकेशन मांगी गई। इसमें राहुल शर्मा के नाम पर यह प्रमाणपत्र जारी हुआ था। यह प्रमाणपत्र भी आरोपित ने सीधे कंपनी को जारी कर दिया। ईमेल में जो मोबाइल नंबर था वह भी आरोपित ने अपना दे दिया। शिकायतकर्ता ने कहा कि जिस के नाम से प्रमाणपत्र जारी हुआ उसने कभी स्कूल में नौकरी नहीं की, जबकि डाटा एंट्री आपरेटर की सेंशन पोस्ट ही नही है। इतना ही नहीं गुरचरण सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी भी एनसीसी रिफ्रेशमेंट के खाता को आपरेट नहीं किया। आरोपित ने एटीएम से यह राशि निकाली और इसका मनमर्जी से इस्तेमाल किया।

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