आनलाइन बंद कर आफलाइन पढ़ाई कराने की तैयारी
निजी स्कूलों ने कोरोना नियमों की अनदेखी का नया खेल खेलना शुरू कर दिया है। इसमें विद्यार्थियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि अभिभावकों से अनुमति पत्र लेकर आएं। इसी के विरोध में मंगलवार को अभिभावक परिवार मंच के सदस्य अग्रसेन चौक पर एकत्रित हुए।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : निजी स्कूलों ने कोरोना नियमों की अनदेखी का नया खेल खेलना शुरू कर दिया है। इसमें विद्यार्थियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि अभिभावकों से अनुमति पत्र लेकर आएं। इसी के विरोध में मंगलवार को अभिभावक परिवार मंच के सदस्य अग्रसेन चौक पर एकत्रित हुए। यहां से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे। मांग पत्र में पीकेआर पब्लिक स्कूल के आनलाइन कक्षाएं बंद करने का विरोध किया और उप जिला शिक्षा अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा।
अभिभावकों ने बताया कि 16 जुलाई से नौवीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के आनलाइन क्लासों को बंद कर दिया गया था। स्कूल आफलाइन क्लासों में ही रुचि दिखा रहा है। ऐसा इसलिए दिखा रहा है ताकि अभिभावकों से वार्षिक शुल्क और मासिक शुल्क लिया जा सके। जबकि प्रदेश सरकार की तरफ से भी एक आदेश जारी किया हुआ है कि जिस विद्यार्थी को आनलाइन शिक्षा प्राप्त करनी है वह आनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकता है। आफलाइन के लिए स्कूल उसे बाध्य नहीं कर सकता। इसी कारण मंगलवार को अभिभावक परिवार मंच के सदस्य जिला शिक्षा अधिकारी से मिलने गए। मौके पर अंजली गर्ग, तरणजोत कौर, मोनिका अरोड़ा, प्रियंका जैन, आरती अरोड़ा, शालका बिद्रा, मनीष कुमार, नवीन भारद्वाज, संजीव अत्री, सुखविदर सिंह, कोमल रानी, प्रिस विज, मन्नी सहगल, संजीव भारद्वाज, ममता रानी, कोमल रानी अन्य अभिभावक मौजूद थे।
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दोनों मोड से पढ़ाई के आदेश
शिक्षा विभाग के आदेश हैं कि स्कूलों में आनलाइन और आफलाइन दोनों तरह से कक्षाएं लगाई जाएंगी। ताकि जो विद्यार्थी घर बैठकर पढ़ना चाहते हैं। वह आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं। लेकिन स्कूलों की ओर से जबरदस्ती अभिभावकों से अनुमति पत्र मांगे जा रहे हैं।
प्रिस विज, अभिभावक
----- अलग-अलग तरीका अपना रहे
पहले तो स्कूलों ने आनलाइन पढ़ाई करवाने के लिए उनके पास से एंड्रयाड मोबाइल मंगवा दिए। लेकिन अभी कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ और स्कूल विद्यार्थियों को जबरदस्ती स्कूल में बुला रहे हैं। कभी एमएसमएस तो कभी कोई अन्य तरीका अपना रहे हैं।
कुलवीर सिंह, अभिभावक
----- वार्षिक शुल्क के लिए ऐसा कर रहे
पहले तो जो वार्षिक शुल्क रह गया उसे इकट्ठा करने के लिए खेल खेला जा रहा है। वहीं जो विद्यार्थी आनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें सही तरीके से पढ़ाया नहीं जा रहा। विद्यार्थियों को मोबाइल में ब्लैक बोर्ड की जगह कक्षा की छत या दीवारें ही दिखाई जा रही हैं।
संजीव अत्री, अभिभावक