छत पर बनाई वाटिका, लगाए औषधीय पौधे

जागरण संवाददाता अंबाला शहर इन दिनों हर परिवार ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए तरह तरह के प

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 06:29 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 06:29 AM (IST)
छत पर बनाई वाटिका, लगाए औषधीय पौधे
छत पर बनाई वाटिका, लगाए औषधीय पौधे

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : इन दिनों हर परिवार ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए तरह तरह के प्रयास कर रहा है। कोई घर में अधिक ऑक्सीजन देने वाले प्लांट लगा रहा है तो कोई आयुर्वेदिक काढ़ा ले रहा है। इससे इम्यूनिटी भी बढ़ रही है। जो भी हो इस समय घरों में औषधीय पौधों के साथ-साथ हरियाली भी बढ़ रही है। अंबाला शहर के जगाधरी गेट रहने वाले विनय भोला ने बताया कि शहर के एसए जैन मॉडल स्कूल में बतौर अध्यापक अपनी सेवाएं देते हैं। उन्होंने बताया कि उसके पास जगह की कमी है। शहर में अकसर यह समस्या ज्यादातर लोगों के साथ रहती है। ऐसे में उसे अपने मकान की छत पर ही वाटिका बनानी पड़ी।

ऑक्सीजन के लिए हर्बल पौधे फायदेमंद

उन्होंने बताया कि तुलसी पांच प्रकार की होती है। रामा तुलसी, श्यामा तुलसी, लोग तुलसी, लेमन तुलसी, मरवा तुलसी। सभी तुलसी लगानी चाहिए। इससे इम्यूनिटी बढ़ती है और यह ऑक्सीजन देने वाला प्लांट है। ज्यादातर लोग रामा तुलसी लगाते हैं। क्योंकि यह हरे रंग में होती है। लेकिन तुलसी को धूप चाहिए होती है। -स्नैक प्लांट को नागफनी कहते हैं। इसे कमरे के अंदर भी रखा जा सकता है। यह हवा को शुद्ध करता है। -मनी प्लांट भी घर में लगा सकते हैं। यह भी ऑक्सीजन के लिए बहुत अच्छा है। इससे भी एयर प्यूरीफाइ होती है। -अजवाइन का पौधा लगा सकते हैं। यह ऑक्सीजन भी देता है और इम्यूनिटी भी बढ़ाता है। इसका काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है। -------

सैनिटाइजर का काम करता है नीम

-घर में जगह होने पर नीम का पेड़ बहुत अच्छा होता है। यह 24 घंटे ऑक्सीजन देता है और इसके कई फायदे हैं। इसका काढ़ा बनाकर पीने से सभी कीटाणुओं का नाश हो जाता है। इसे एक तरह कहा सैनिटाइजर कहा जा सकता है। घर के आस-पास पीपल का पेड़ भी जरूर लगाना चाहिए। स्नैक प्लांट नागफनी कमरे में रख सकते हैं। अरिका पाम भी हवा को शुद्ध करता है। जबकि घर के बाहर आंगन में तुलसी, अजवाइन, नीम, ऐलोवेरा लगा सकते हैं। अश्वगंधा लगा सकते हैं, क्योंकि आयुर्वेदिक दवाइयों में अश्वगंधा होती है। यह इम्यूनिटी बढ़ाता है। -दस साल से कर रहे पर्यावरण के लिए काम

विनय भोला ने बताया कि मैं तुलसी के पते खाता हूं और अजवाइन का काढ़ा पीता हूं। वहीं पर्यावरण के लिए दस साल से काम कर रहे हैं। 25 हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह मैथ और योगा के शिक्षक हैं। गुरुकुलम नाम से संस्था चलाई जा रही है। जिसमें पर्यावरण को बचाने के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों का बहुत बड़ा सहयोग रहता है। लोगों को भी औषधीय पौधों की जानकारी दी जाती है। हर्बल पौधों के फायदे बताते हैं।

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