अफसर सोते रहे और अतिक्रमण कर हुआ अवैध निर्माण

हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध अतिक्रमण पर बेशक करीब छह साल पहले पीला पंजा चल गया लेकिन इसके बावजूद अंबाला कैंट व सिटी में अफसरों की नाक नीचे अवैध अतिक्रमण का सिलसिला थमा नहीं है। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री के क्षेत्र में यही हालात सामने आ रहे हैं। अब मामला शिकायतकर्ता राजेश सिगला ने प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के दरबार में पहुंचाते हुए इस पर कार्रवाई की मांग तो की है

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:24 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 06:24 AM (IST)
अफसर सोते रहे और अतिक्रमण कर हुआ अवैध निर्माण
अफसर सोते रहे और अतिक्रमण कर हुआ अवैध निर्माण

अफसर सोते रहे और अतिक्रमण कर हुआ अवैध निर्माण

जागरण संवाददाता, अंबाला : हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध अतिक्रमण पर बेशक करीब छह साल पहले पीला पंजा चल गया, लेकिन इसके बावजूद अंबाला कैंट व सिटी में अफसरों की नाक नीचे अवैध अतिक्रमण का सिलसिला थमा नहीं है। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री के क्षेत्र में यही हालात सामने आ रहे हैं। अब मामला शिकायतकर्ता राजेश सिगला ने प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के दरबार में पहुंचाते हुए इस पर कार्रवाई की मांग तो की है, साथ ही हाईकोर्ट के वकील के माध्यम से नगर परिषद अंबाला सदर के कार्यकारी अधिकारी व नगर निगम के आयुक्त को लेटर भेजकर कार्रवाई की मांग की है। उल्लेखनीय है कि करीब छह साल पहले हाईकोर्ट के आदेश पर ही अंबाला कैंट में अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई हुई थी, लेकिन अब फिर से यह अतिक्रमण सिर उठाने लगा है।

अंबाला कैंट के बैंक रोड पर नियमों को ताक पर रखकर स्कूल प्रबंधन ने करीब एक दर्जन दुकानें काट दी। इस में नगर परिषद से न तो नक्शा पास कराया गया और न ही नियम कानून अपनाए गए। यह मामला काफी उछला, जबकि इस मामले में शिकायतकर्ता पर ही केस दर्ज कर दिया गया। मामला काफी सुर्खियों में रहा। इसी तरह नगर परिषद अंबाला सदर कार्यालय के पास ही एक दुकान अवैध रूप से बनाई जा रही है, जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस दुकान का मामला भी उछला, लेकिन बजाये कार्रवाई करने के स्थान पर अफसरों ने आंखें ही मूंद ली। इसी तरह अंबाला-जगाधरी हाईवे के किनारे एक बूथ बना लिया गया, लेकिन यह भी अफसरों को दिखाई नहीं दिया, जबकि अभी तक यह कार्रवाई भी ठंडे बस्ते में है। शिकायतकर्ता राजेश सिगला ने अपने वकील के माध्यम से नगर निगम के आयुक्त व नगर परिषद अंबाला सदर के कार्यकारी अधिकारी को लेटर भेजकर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही कहा है कि यदि कार्रवाई नहीं होती तो मामला अदालत में ले जाएंगे।

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