15 दिन का ट्रायल खत्म, अब कारोबारियों के साथ बैठक में एसपी लेंगी अगला निर्णय

एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट के नाम से विख्यात अंबाला की कपड़ा मार्केट में एसपी आस्था मोदी की ओर से शुरू किया गया ट्रायल खत्म हो चुका है। कपड़ा व्यापारियों व कारोबारियों को जाम से निजात दिलाने के लिए एसपी ने 15 दिन का ट्रायल शुरू किया था जोकि गत मंगलवार को समाप्त हो चुका है। ऐसे में अब इसी ट्रायल का आधार बनाकर पुलिस प्रशासन कभी भी अगला कदम उठा सकता है। इसके लिए डीएसपी हेडक्वार्टर सुलतान ¨सह इसी सप्ताह व्यापारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में व्यापारियों व कारोबारियों से पूछा जाएगा कि ट्रायल के दौरान किस तरह की दिक्कतें आई और क्या-क्या फायदे हुए। इसी फीडबैक के बाद ही पुलिस प्रशासन अगला निर्णय लेगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 07:40 AM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 07:40 AM (IST)
15 दिन का ट्रायल खत्म, अब कारोबारियों के साथ बैठक में एसपी लेंगी अगला निर्णय
15 दिन का ट्रायल खत्म, अब कारोबारियों के साथ बैठक में एसपी लेंगी अगला निर्णय

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट के नाम से विख्यात अंबाला की कपड़ा मार्केट में एसपी आस्था मोदी की ओर से शुरू किया गया ट्रायल खत्म हो चुका है। कपड़ा व्यापारियों व कारोबारियों को जाम से निजात दिलाने के लिए एसपी ने 15 दिन का ट्रायल शुरू किया था जोकि गत मंगलवार को समाप्त हो चुका है। ऐसे में अब इसी ट्रायल का आधार बनाकर पुलिस प्रशासन कभी भी अगला कदम उठा सकता है। इसके लिए डीएसपी हेडक्वार्टर सुलतान ¨सह इसी सप्ताह व्यापारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में व्यापारियों व कारोबारियों से पूछा जाएगा कि ट्रायल के दौरान किस तरह की दिक्कतें आई और क्या-क्या फायदे हुए। इसी फीडबैक के बाद ही पुलिस प्रशासन अगला निर्णय लेगा। बता दें कि जाम के कारण देव समाज ग‌र्ल्स कालेज की छात्राओं को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि यह कालेज भी कपड़ा मार्केट के बीचोंबीच बना है।

अभी तक नहीं हटाया अस्थाई अतिक्रमण

कपड़ा मार्केट में करीब 1100 दुकानें हैं। इनमें से ज्यादातर के आगे अस्थाई अतिक्रमण है। यह अस्थाई अतिक्रमण या तो रेहड़ी-फड़ी के रूप में है या फिर खुद व्यापारियों ने अपनी दुकानों के आगे अतिक्रमण किया है। इसको लेकर पिछले 15 दिनों में न तो पुलिस ने कोई कदम उठाया न ही नगर निगम ने। इसी कारण अस्थाई डिवाइडर बनाने के बावजूद लोगों को राहत नहीं मिली। हालांकि डिवाइडर बनने के बाद बाजार के बीचोंबीच खड़े होने वाले चौपहिया वाहनों पर लगाम जरूर लगी। दूसरी और पीली पट्टी के दायरे में जिन दुकानदारों के धड़े और रैंप आए हैं उन्हें तोड़ने न तोड़ने को लेकर भी पुलिस व प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। इसीलिए पीली पट्टी खींच जाने से भी किसी को कोई लाभ नहीं हुआ। हां सरकारी धन और शक्ति जरूर जाया गई।

वर्जन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुरुक्षेत्र रैली में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी होने के कारण अगला प्लान बनाने में थोड़ी देर हो गई। लेकिन अब हम जल्द ही कारोबारियों के साथ एक बैठक करेंगे। इसमें जो भी फीडबैक आएगी उसके बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।

-सुलतान ¨सह, डीएसपी, हेडक्वार्टर।

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