घरों के गीले कूड़े से बन रही खाद, पौधों का किया जा रहा संरक्षण
अंबाला छावनी को स्वच्छता मिशन के तहत स्वच्छ और सुंदर बनाया जाना है। नगर परिषद की तरफ से इसके लिए पहल शुरू कर दी है। अंबाला छावनी में करीब 47 हजार घर है। इन घरों से निकलने वाला गीला और सूखा कूड़ा अलग किया जा रहा है।
फोटो: 14 -58 टन कूड़ा प्रतिदिन घरों से किया जा रहा है उठान -47 हजार घर है अंबाला छावनी में जागरण संवाददाता, अंबाला : अंबाला छावनी को स्वच्छता मिशन के तहत स्वच्छ और सुंदर बनाया जाना है। नगर परिषद की तरफ से इसके लिए पहल शुरू कर दी है। अंबाला छावनी में करीब 47 हजार घर है। इन घरों से निकलने वाला गीला और सूखा कूड़ा अलग किया जा रहा है। सूखा कूड़ा अलग-अलग प्लांट में भेजा जाता है। गीला कूड़े से नगर परिषद द्वारा खाद बनाई जा रही है। इतना ही नहीं खाद बनाकर पार्क, स्कूल व नर्सरी में पौधों के लिए काम में लाई जा रही है। इसके अलावा कुछ लोग अपने घरों के आंगन में भी गीले कूड़े को एकत्रित कर खाद तैयार कर रहे हैं।
अभी से डालनी होगी आदत
घरेलू कूड़े को अब बाहर नहीं डालना होगा। अपने घर में ही खाद बनाने की अभी से ही आदत डालनी होगी। ताकि आप घर के अंदर ही खाद तैयार कर सकें। इस खाद को आप अपने आंगन में लगे पौधे और खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में पर्यावरण भी हरा-भरा होगा। ऐसे तैयार होती है खाद
किसी खाली स्थान के अलावा आप गमले बाल्टी व ड्रम में भी खाद तैयार कर सकते है। बस इनमें छेद करना है। ताकि ऑक्सीजन जा सकें। पहली लेयर पेड़ों के पत्ते, बुरादा, या मिट्टी डालें। अखबार, कागज या गत्ता और सब्जियों के छिलके को डालना होगा। उस पर मिट्टी की परत और पानी डाल दें। मिट्टी डालने से दुर्गंध और मक्खी- मच्छर नहीं आएगा। दो या तीन महीने में खाद बनकर तैयार हो जाएगी। अगर खाद जल्दी तैयार करनी है तो दही, चीनी व दूध डालना होगा। 58 टन गीला कूड़े का हो रहा उठान
अंबाला छावनी में प्रतिदिन 58 टन कूड़े का घरों से उठान किया जा रहा है। इसके अलावा 52 टन सूख कूड़ा होता है। सूखे कूड़े से प्लास्टिक को अलग कर चंदनपुर पावर प्लांट में भेजा जाता है। ई-वेस्ट को अंबाला सिटी की थापड़ इंडस्ट्री, हॉस्पिटल से निकलने वाले कोविड-19 संक्रमित कूड़े को शहजादपुर के बडौख रूद्राक्ष इनवायरों प्लांट में भेजा जाता है।
गीले कूड़े से बन रही है खाद
स्वच्छता मिशन अंबाला छावनी की को-आर्डिनेटर रीतू शर्मा का कहना है कि सूखा कूड़ा अलग कर अलग-अलग प्लांट में भेजा जा रहा है। गीले कूड़े को एकत्रित कर खाद बनाई जा रही है। इस खाद का इस्तेमाल, पार्क, स्कूलों पौधों के लिए हो रहा है।