मित्तल के गोदाम के पास चलता रहा खेल, संदेह में आबकारी अधिकारी

अंबाला शहर के मंडोर गांव में जिन दो अवैध गोदामों में शराब की तस्करी होती रही उसके पास ही प्रदीप मित्तल का एल-13 (शराब का गोदाम) है। इस गोदाम में आबकारी विभाग के अधिकारी भी निरीक्षण करने आते रहे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 06:45 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 06:45 AM (IST)
मित्तल के गोदाम के पास चलता रहा खेल, संदेह में आबकारी अधिकारी
मित्तल के गोदाम के पास चलता रहा खेल, संदेह में आबकारी अधिकारी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : अंबाला शहर के मंडोर गांव में जिन दो अवैध गोदामों में शराब की तस्करी होती रही, उसके पास ही प्रदीप मित्तल का एल-13 (शराब का गोदाम) है। इस गोदाम में आबकारी विभाग के अधिकारी भी निरीक्षण करने आते रहे। बावजूद आबकारी विभाग के अधिकारियों को या तो इन अवैध गोदामों की भनक नहीं लग पाई या फिर मिलीभगत से यह खेल होता रहा। यह भी जांच का विषय है कि इस मामले में सरकारी तंत्र के कौन से अधिकारी शामिल हैं। इस मामले में अब तक करीब सात आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन पुलिस रिमांड में यह पता नहीं चल पाया कि शराब तस्करी में किसे कितनी मंथली जाती थी। आरोपितों ने रिमांड के दौरान कर्मचारी और अधिकारियों के नाम नहीं उगले।

मंगलवार को प्रदीप मित्तल को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। इस मामले में अभी भी कुछ आरोपित पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं, जिनसे शराब तस्करी में शामिल अंतरराज्यीय गिरोह के नाम पूछे जा रहे हैं। इस मामले में गोदाम मालिकों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। जिस निखिल पटेल को गोदाम किराये पर दिए गए, उसे गोदाम मालिकों ने देखा तक नहीं और एग्रीमेंट कर लिया।

उल्लेखनीय है कि गांव मंडोर के गोदाम से एलोवेरा जूस की आड़ में शराब की 300 पेटियां गुजरात भेजी जा रहीं थीं। एक पेटी गिर गई, जिससे ट्रक चालक को पता चला कि पेटी में शराब है। चालक ने इस बारे में ट्रांसपोर्ट मालिक को जानकारी दी। पंजोखरा पुलिस ने ट्रक को कब्जे में ले लिया और कार्रवाई शुरू की तो मामला परत दर परत खुलने लगा।

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