किसान आंदोलन: सड़कों पर चक्का जाम, तो बस अड्डे से नहीं निकली बसें

-सुषमा स्वराज बस अड्डे से रोजाना मुसाफिरों के लिए करीब 60 बसों का संचालन किया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 07:00 AM (IST)
किसान आंदोलन: सड़कों पर चक्का जाम, तो बस अड्डे से नहीं निकली बसें
किसान आंदोलन: सड़कों पर चक्का जाम, तो बस अड्डे से नहीं निकली बसें

फोटो संख्या 28, 29 और 30

-सुषमा स्वराज बस अड्डे से रोजाना मुसाफिरों के लिए करीब 60 बसों का संचालन होता है जागरण संवाददाता, अंबाला शहर:

किसान आंदोलन के चलते नेशनल हाईवे पर जाम होने से बसों का संचालन बाधित रहा। इस वजह से रोडवेज बसें अड्डे तक नहीं पहुंची, तो मुसाफिरों ने घंटों बसों का इंतजार किया। यहां पर बसों के इंतजार में मुसाफिर बस अड्डे परिसर में सो गए। जबकि शाम 4 बजे के बाद ही बसों का संचालन सुचारु हो सका।

सुषमा स्वराज बस अड्डे से रोजाना करीब 80 बसों का संचालन होता है। यहां से कैथल, युमनानगर, देहरादून, हिसार, नारायणगढ़, पंचकूला, बरवाला आदि रूटों पर बसों का संचालन होता हैं। शुक्रवार को नेशनल हाईवे पर किसानों ने जाम लगा दिया है। इस वजह से बसों का संचालन बाधित हो गया। वहीं दूसरे शहर से बसे अड्डे पर नहीं पहुंची। हालांकि सुबह में करीब 21 बसें अपने-अपने रूटों पर निकली थी। लेकिन जाम में फंसने की वजह से देर शाम तक भी नहीं पहुंच सकी। इस वजह से दूसरी बसों का संचालन नहीं हो सका। इस वजह से बस अड्डे परिसर में मुसाफिर बसों के इंतजार में बैठे रहे। हालांकि देर शाम 4 बजे के बाद बसों का संचालन हो सका। इस संबंध में रोडवेज के कर्मचारी राजेश कुमार ने बताया कि बसें जाम में फंसी होने से नहीं आई, तो बस अड्डे से बसों का संचालन बंद रहा है। वहीं शाम 4 बजे के बाद बसों का संचालन किया।

मुझे कैथल में अपने घर बस से जाना था। इसके लिए सुबह बस अड्डे पर पहुंच गया। यहां पर दो से तीन घंटे इंतजार करने पर बस नहीं चली।

रोबिन, यात्री

मैं अपने गांव नन्यौला से काम से शहर में आया था। वहीं अब घर जाने के लिए बस अड्डे पर पहुंचा, तो बस नहीं मिली। इस वजह से शाम तक बसों के संचालन का इंतजार किया।

हर्ष, यात्री

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