रिश्वत प्रकरण में पूछताछ, कांस्टेबल को 25 और डीएसपी रीडर को दिए दो हजार
महिला थाना की पूर्व प्रभारी इंस्पेक्टर सतविद्र कौर और कांस्टेबल रजनी शर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बुधवार को डीएसपी बराड़ा रजनीश शर्मा ने जरनैलो देवी और उनके बेटे रमेश कुमार को काला आम्ब पुलिस चौकी में बुलाकर पूछताछ की। इस दौरान दोनों लोगों ने बताया कि दहेज के मुकदमे में समझौता होने के बाद हवलदार को तीन बारी में 25 हजार रुपए और दो हजार रुपए डीएसपी नारायणगढ़ रीडर को दिए।
संवाद सहयोगी, नारायणगढ़ : महिला थाना की पूर्व प्रभारी इंस्पेक्टर सतविद्र कौर और कांस्टेबल रजनी शर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बुधवार को डीएसपी बराड़ा रजनीश शर्मा ने जरनैलो देवी और उनके बेटे रमेश कुमार को काला आम्ब पुलिस चौकी में बुलाकर पूछताछ की। इस दौरान दोनों लोगों ने बताया कि दहेज के मुकदमे में समझौता होने के बाद हवलदार को तीन बारी में 25 हजार रुपए और दो हजार रुपए डीएसपी नारायणगढ़ रीडर को दिए। जांच अधिकारी ने पूछा की यह रुपये पुलिस कर्मियों को दिए या फिर किसी और को। जिसपर रमेश का कहना था कि हवलदार को 25 हजार रुपए दिए, जबकि डीएसपी के रीडर को सरपंच ने पैसे दिए। हवलदार ने फोन पर माना भी है की उसे पैसे मिले हैं, लेकिन वह यह रुपये लड़की पक्ष को देने की बात भी बोल रही है। यह रिकार्डिंग सोशल वर्कर सुनीता भंडारी के पास है परंतु बुधवार को उन्होंने डीएसपी को देने से इनकार कर दिया। डीएसपी ने सुनीता भंडारी के ब्यान दर्ज करने की बात कही तो उन्हेांने बाद में बयान देने की बात कही। बता दें की इस मामले में हवलदार और इंस्पेक्टर दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले की जांच बराड़ा डीएसपी रजनीश शर्मा कर रहे हैं।
------------- इस तरह दिए बयान
रमेश और जरनैलों देवी के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज है। पंचायत में 26 मई 2021 को पंचायती फैसला हो गया था। रमेश और उसकी पत्नी मंजू ने अलग-अलग दो शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए। इन दोनों शपथ पत्रों में समझौता होने की और केस को रद करने की बात कही गई है। लेकिन यह कहीं नहीं लिखा 25 हजार रुपये इसके लिए लड़की पक्ष को दिए जा रहे हैं। इसी को लेकर सारा विवाद खड़ा हुआ। सोशल वर्कर सुनीता भंडारी ने भी यही कहा कि बाद में लड़की पक्ष वालों ने दोबारा पैसों की डिमांड की तो वह कैसे प्रूफ करेंगे 25 हजार रुपये दिए हैं। इनका कहना था कि यदि पैसे पुलिस को दिए हैं तो शपथ पत्र में जिक्र होना चाहिए था और थाना की मोहर भी लगी होनी चाहिए थी।