अंधेरे के आगोश में इंद्रापार्क, सैर करने वालों को सुरक्षा का खतरा
छावनी के इंद्रा पार्क में रोशनी की उचित व्यवस्था न होने से शाम ढलते ही यहां अंधेरा छा जाता है। ऐसे ेंम लोगों को परेशानी होती है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के इंद्रा पार्क में रोशनी की उचित व्यवस्था न होने से शाम ढलने के साथ ही अंधेरा छाने लगता है जिस कारण लोगों को परेशानी हो रही है। खासकर महिलाएं और बच्चे यहां आने से कतराते हैं। कई लोगों द्वारा यहां पर असामाजिक गतिविधियों के संचालन की भी शिकायत सामने आई हैं। पार्क में एक कोने में कूड़े को जला दिया जाता है जिसका असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है। नगर परिषद द्वारा करोड़ों की लागत से एक बड़े क्षेत्रफल में काफी अरसे पहले तैयार किया गया इंद्रा पार्क बदहाली से जूझ रहा है। पार्क के निर्माण में पैसा तो पानी की तरह बहाया गया लेकिन मौजूदा वक्त में इसके रख-रखाव पर जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां लाइटें या तो खराब हैं या फिर समय से जलाई नहीं जाती जिससे पार्क का अधिकांश हिस्सा अंधेरे में ही डूबा रहता है। पार्क में नशा करने और जुआ आदि खेलने का काम भी कुछ लोग करते हैं। पार्क के मुख्य गेट पर से गेटमैन नदारद मिला। पार्क में असामाजिक तत्वों की उपस्थिति के कारण बच्चों और महिलाओं को यहां पर खतरा महसूस होता है। पार्क में रोशनी की उचित व्यवस्था न होने से पार्क का अधिकांश हिस्सा अंधेरे में डूबा रहता है। इससे यहां पर आने वाले लोगों को सुरक्षा का खतरा है और शाम के वक्त कम ही लोग यहां आते हैं। शिकायत भी की गई है लेकिन समाधान नहीं हैँ।
मुकेश कुमार, टिबर मार्केट यहां पर करीब 20 साल से आ रहे हैं, पार्क को काफी बेहतर तरीके से डिजाइन किया गया है। लेकिन अभी रख रखाव का अभाव है। इसे दुरुस्त करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। क्षेत्र के ठीक बीच में बने पार्क में हर वर्ग का आदमी आता है और सभी का ध्यान रखना जरूरी है।
अरुण कुमार, टिबर मार्केट
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असामाजिक तत्वों की संख्या बढ़ी है, दिन के समय गेट खुला रहने से लोग आराम करने के नाम पर असमाजिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं। पार्क व्यवस्थापकों को इस ओर ध्यान देना चाहिए और दिन में गेट बंदकर करके निर्धारित समय अवधि में ही इसे खोलना चाहिए।
मोहिदर सिंह, महेश नगर