ठंड की दस्तक से हार्ट सेंटर में बढ़ने लगे मरीज

ठंड का मौसम दिल की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए सबब बन सकता है। खास तौर पर बुजुर्गो के सीने में अचानक तेज दर्द शुरू होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दिल तक खून की आपूर्ति नहीं हो पाती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Dec 2020 04:35 AM (IST) Updated:Mon, 14 Dec 2020 04:35 AM (IST)
ठंड की दस्तक से हार्ट सेंटर में बढ़ने लगे मरीज
ठंड की दस्तक से हार्ट सेंटर में बढ़ने लगे मरीज

फोटो नंबर :: 4 - ठंड में उम्र के लिहाज से विशेष सावधानी बरतने की है आवश्यकता

-अस्पताल में मरीजों को डाक्टर दे रहे ठंड से बचने के टिप्स जागरण संवाददाता, अंबाला :

ठंड का मौसम दिल की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए सबब बन सकता है। खास तौर पर बुजुर्गो के सीने में अचानक तेज दर्द शुरू होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दिल तक खून की आपूर्ति नहीं हो पाती है। आमतौर पर धमनियों के रास्ते में किसी तरह की रुकावट आने की वजह से खून दिल तक नहीं पहुंच पाता है, इसीलिए सीने में तेज दर्द का अनुभव होता है। कभी कभी दिल का दौरा पड़ने पर दर्द नहीं होता है। इसे चिकित्सक साइलेंट हार्ट अटैक की संज्ञा देते है।

अस्पताल में रोजाना दिल की बीमारी से जूझ रहे मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। छावनी के हार्ट सेंटर में आने वाले मरीजों को चिकित्सक ठंड से बचने और ऑयल में बने खाद्य पदार्थ से दूरी बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं। आंकड़े एक नजर में

अक्टूबर में 130 मरीज

नवंबर में 143 मरीज

दिसंबर में 86 मरीज दौरा पड़ने का अधिक है खतरा

डा. शुभ ज्योति प्रकाश ने बताया कि कोरोना पीड़ित मरीजों में दिल का दौरा पड़ने का अधिक खतरा होता है। कोरोना संक्रमित मरीज की रक्त वाहिनियों में खून के थक्के भी बन जाते हैं। जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ने खतरा भी बढ़ जाता है। कोविड मरीजों में रूक रहा थक्का

अस्पताल के डा. राघव का कहना है कि आइसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों की जांच में डी डायमर स्तर का पता लगाते हैं ताकि रक्त के थक्के का पता चल सके। मरीजों को लगातार दवाएं दी जा रही हैं, ताकि खून शरीर में खून का थक्का जमा न हो सके। हृदय की बीमारियों के कारण

- जीवन में तनाव

- खाने की गलत आदत

- कंप्यूटर व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर देर तक काम करना

- स्मोकिग, तंबाकू, शराब की लत

- पर्यावरण का प्रदूषण

chat bot
आपका साथी