विदेशी की बजाय स्वदेशी वस्तुओं की तरफ बढ़ा आकर्षण

त्योहारों के मौसम में बाजार में इन दिनों मिट्टी से बने बर्तनों की दुकानें सज चुकी हैं। मेन बाजार में सड़क के दोनों ओर मिट्टी के बर्तनों के विक्रेता अपनी दुकान सजाकर बैठे हैं। लोग इनकी खरीदारी कर रहे है। एक समय ऐसा भी था कि जब लोगों ने आधुनिकता की दौड़ में शामिल होकर मिट्टी बर्तनों का मोह त्याग दिया था लेकिन अब फिर से स्वदेशी वस्तुओं की ओर लोग आकर्षित होने लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:54 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:54 PM (IST)
विदेशी की बजाय स्वदेशी वस्तुओं की तरफ बढ़ा आकर्षण
विदेशी की बजाय स्वदेशी वस्तुओं की तरफ बढ़ा आकर्षण

बलकार सिंह, बराड़ा

त्योहारों के मौसम में बाजार में इन दिनों मिट्टी से बने बर्तनों की दुकानें सज चुकी हैं। मेन बाजार में सड़क के दोनों ओर मिट्टी के बर्तनों के विक्रेता अपनी दुकान सजाकर बैठे हैं। लोग इनकी खरीदारी कर रहे है। एक समय ऐसा भी था कि जब लोगों ने आधुनिकता की दौड़ में शामिल होकर मिट्टी बर्तनों का मोह त्याग दिया था, लेकिन अब फिर से स्वदेशी वस्तुओं की ओर लोग आकर्षित होने लगे हैं। मिट्टी के बने बर्तनों का प्रयोग पुन: प्रचलन में आ गया है। ग्रामीण ही नहीं शहरी लोग भी स्वदेशी सामानों व मिट्टी से बने चमकीले बर्तनों की ओर आकर्षित होने लगे हैं और उन्हें खरीद कर प्रयोग करने लगे हैं।

करवा चौथ के बाद अब दीपावली को लेकर बाजार गुलजार होने लगे है। आसपास के गांवों समेत नगर के लोग बाजार में आकर खरीदारी करने लगे हैं। दीपावली पर घर की सुंदरता में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहे इसके लिए लोग विभिन्न प्रकार की साज-सज्जा का सामान भी खरीद रहे हैं। बाजार में जहां घर को सजाने के लिए अनेक प्रकार की दुकानें लगी हुई है तो वहीं लोग मिट्टी से बने बर्तनों की भी खूब खरीदारी कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि दीपावली के दिन घर में लक्ष्मी का प्रवेश होता है। उनके आगमन पर घर में जोरदार तैयारियां की जा रही हैं। लोग गणेश-लक्ष्मी, हनुमान तथा अन्य प्रकार की प्लास्टिक, मिट्टी, चांदी की मूर्तियां खरीद रहे हैं। दीपावली के लिए जो लोग खरीदारी कर रहे हैं, उनमें से अधिकांश चाइनीज वस्तुओं का बहिष्कार ही कर रहे हैं। लोग इस वर्ष भी दीपावली पर घर की छतों पर चाइनीज बल्ब की लडि़यां लगाने के लिए मना कर रहे हैं। दुकान पर आकर स्वदेशी वस्तुओं की जानकारी ले रहे हैं।

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दीपावली में होती है खूब मांग

मिट्टी के बर्तन बनाने के पेशे से जुड़े लोगों की मानें तो मिट्टी के बर्तनों की मांग दीपावली के मौके पर खूब होती है। इन बर्तनों में घड़े, मिट्टी के दीये, घड़बड़े, गुल्लक, हांडी व अन्य चीजें होती हैं। बर्तन बनाने वाले कुम्हार पाला राम ने बताया कि मिट्टी से बर्तन बनाने उनका पुश्तैनी पेशा है, जिसमें नई पीढ़ी के लोग कम ही आ रहे हैं। क्योंकि इसमें मेहनत व लागत ज्यादा होती है और कमाई कम। ऐसे में अधिकतर लोग अपना पुश्तैनी पेशा छोड़ चुके हैं, लेकिन आजकल लोगों में मिट्टी के बर्तनों में खाना-पकाने व खाना खाने को लेकर रुचि को देखकर दोबारा मिट्टी के बने बर्तनों की मांग बढ़ने लगी है। वहीं अब उन्हें उनके काम का पूरा मेहनताना भी मिलने लगा है। उन्होंने सरकार से अपील की कि सरकार को हस्तशिल्प जैसी कलाओं को प्रोत्साहन देना चाहिए ताकि यह कला कहीं विलुप्त न हो जाए।

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