ऑपरेशन थियेटर में टीम ने मरीजों से पूछा- कोई दवाई बाहर से तो नहीं मंगवाई
अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में मंगलवार को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) अवॉर्ड मूल्याकंन सर्वे की टीम ने दूसरे दिन भी निरीक्षण किया। टीम आइपीडी बि¨ल्डग के चप्पे-चप्पे को देखकर खामियां ढूंढ नजर आई लेकिन उन्हें कोई बड़ी खामी सामने नहीं आई।
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के नागरिक अस्पताल में मंगलवार को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) अवॉर्ड मूल्याकंन सर्वे की टीम ने दूसरे दिन भी निरीक्षण किया। टीम आइपीडी बि¨ल्डग के चप्पे-चप्पे को देखकर खामियां ढूंढ नजर आई लेकिन उन्हें कोई बड़ी खामी सामने नहीं आई। निरीक्षण के दौरान जब टीम तीसरे फ्लोर पर ऑपरेशन थियेटर में पहुंची तो मरीजों से बातचीत की। यहां तक की थियेटर के अंदर और बाहर मरीज व उनके तीमारदारों से पूछा कि क्या किसी डॉक्टर या अन्य स्टाफ कर्मी ने अस्पताल के बाहर से कोई दवाई तो नहीं मंगवाई। वहीं लैब में जायजा लेने के दौरान यहां की व्यवस्था देख टीम के सदस्य ने काफी तारीफ की। जबकि गायनी वार्ड में महज दो डॉक्टरों पर 600 से अधिक मरीजों को रोजाना चेक करने का बोझ देखकर भी टीम हैरान थी।
दरअसल 21 से 23 जनवरी तक एनक्वास की टीम यहां अस्पताल में निरीक्षण करने के लिए आई है। इस टीम में पटना मेडिकल एंड कॉलेज अस्पताल के कंसलटेंट आलोक रंजन और दिल्ली के जेबी पंथ इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर एवं प्रोफेसर पूनम नारंग मौजूद है। सोमवार को पहले दिन जहां इस टीम ने ओपीडी और इमरजेंसी में निरीक्षण किया था वहीं दूसरे दिन इन्होंने आइपीडी बि¨ल्डग में अलग-अलग ब्लॉक का जायजा लिया। सबसे पहले टीम सर्जरी आप्रेशन थियेटर में पहुंची जहां कुरुक्षेत्र निवासी एक मरीज का पित्ते की पत्थरी का आप्रेशन हो रहा था। यहां मरीज के परिजनों से पूछताछ की। इसके बाद टीम ने हड्डी, आंख, गायनी आप्रेशन थियेटर का भी निरीक्षण किया। यहां जब मरीजों के परिजनों ने कहा कि उनसे कोई दवाई बाहर की नहीं मंगवाई गई है तो टीम सदस्यों ने दवाइयों का रजिस्टर मंगवाकर चेक किया। हालांकि सारा रिकॉर्ड ठीक निकला।
मरीजों की भीड़ देख हैरान हुई टीम
वहीं टीम जब आइपीडी ब्लॉक के गायनी वार्ड में पहुंची तो यहां काफी अधिक महिला मरीज चेकअप के लिए अपनी बारी आने का इंतजार कर रही थी। जबकि मरीजों को चेक करने के लिए केवल दो गायनीलोजिस्ट ही थी। टीम के सदस्य हैरान थे कि क्या महज दो डॉक्टर ही इतने अधिक मरीजों को चेक कर सकती है।