कांवला में पानी निकासी की नहीं व्यवस्था, पशुओं को शिफ्ट करने का काम जारी

कांवला गांव में डेयरियों के गोबर से गंदगी फैली रहती है। यहा से डेयरी शिफ्टिंग की को लेकर कई वर्षो से योजना बनाई जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:10 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:10 AM (IST)
कांवला में पानी निकासी की नहीं व्यवस्था, पशुओं को शिफ्ट करने का काम जारी
कांवला में पानी निकासी की नहीं व्यवस्था, पशुओं को शिफ्ट करने का काम जारी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: कांवला गांव में डेयरियों के गोबर से गंदगी फैली रहती है। यहां पर डेयरियों से पानी की निकासी के लिए नाले भी नहीं बना हैं। अब निगम आवासीय कालोनी संचालित डेयरियों को खतौली व कांवला में शिफ्ट करने में जुटा है। यहां पर अभी तक करीब 500 पशुओं को शिफ्ट किया जा चुका है। इसके विपरीत कांवला और खतौली में डेयरी संचालक पानी निकासी से परेशान हैं। मालूम हो कि निगम ने करीब 17 से 18 वर्ष पहले आवासीय कालोनी से डेयरियों को शिफ्ट किया था। इस दौरान कांवला और खतौली गांव में डेयरी संचालकों को सस्ती दरों पर प्लाट आवंटित किए थे। कांवला गांव में 69 डेयरी संचालकों को सस्ती दरों पर प्लाट आवंटित किए थे, जबकि गांव में करीब 35 डेयरी संचालित हो रही है। कांवला गांव में डेयरियों से पानी के निकासी के लिए नाले का निर्माण अधूरा है। यहां पर डेयरियों से पानी निकासी के लिए मुख्य सड़क के एक तरफ नाला बना है। बारिश होने पर गंदा पानी खाली प्लाट में भर जाता है। इस वजह से गांव में डेयरियों से गंदगी फैली रहती है। वहीं नगर निगम ने आवासीय कालोनी में संचालित होने वाली डेयरियों को शिफ्ट किया जा रहा है। खतौली और कांवला में करीब 500 पशुओं को शिफ्ट किया। इन डेयरी संचालकों को पहले ही प्लाट आवंटित किए थे। यहां पर पानी निकासी नहीं होने से डेयरी संचालक भी परेशान हैं। -----------------------

खतौली गांव में गोबर से फैली गंदगी

खतौली गांव में भी डेयरी संचालकों को सस्ती दरों पर प्लाट दिए दिए थे। यहां पर भी डेयरियों से निकलने वाले गोबर और पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। इस वजह से डेयरी के बाहर गंदा पानी भरा रहता है। डेयरी संचालकों ने जगाधरी गेट पर प्रदर्शन कर सफाई की मांग की थी।

------------------ कांवला गांव में डेयरियों से पानी की निकासी की सुविधा नहीं हैं। इसके लिए नगर निगम को लिखित में शिकायत कर चुके हैं। इसके बाद भी पानी निकासी का समाधान नहीं हो सका है।

- ऋषि पाल, प्रधान

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