बिना सीएलयू प्लाट काटने की तैयारी, लोगों को कुलदीप नगर डूबने का डर
अंबाला-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुलदीप नगर के पास बिना सीएलयू (चेंज आफ लैंड यू•ा) के अवैध कालोनी काटने की तैयारी है। यहां पर कई एकड़ जमीन पर मिट्टी गिराने का काम शुरू कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, अंबाला: अंबाला-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुलदीप नगर के पास बिना सीएलयू (चेंज आफ लैंड यू•ा) के अवैध कालोनी काटने की तैयारी है। यहां पर कई एकड़ जमीन पर मिट्टी गिराने का काम शुरू कर दिया गया है। आसपास के लोगों ने विरोध करते हुए मिट्टी गिरवाने का काम तो रुकवा दिया और आरोप लगाया कि यहां पर कृषि जमीन पर रिहायशी व कामर्शियल गतिविधियां होने जा रही हैं। कुलदीप नगर के लोगों को डर सताने लगा है कि यदि यहां पर कालोनी काट दी जाती है, तो उनके मकान डूबने की आशंका है। बारिश का पानी जिस जमीन पर समा जाता है, वहां पर मिंट्टी डालकर उसका लेवल ऊंचा किया जा रहा है। यहां पर लेवल ऊंचा होने के बाद बरसाती पानी की निकासी खत्म हो जाएगी।
इस जमीन को दो लोगों ने पार्टनरशिप में खरीदा है, जिनका मकसद यहां पर गोदाम या फिर आवास बनाना है। हालांकि कृषि जमीन पर आवास या फिर गोदाम बनाने के लिए डीटीपी विभाग द्वारा कोई अनुमति नहीं ली गई। इसके बावजूद यहां पर नियमों को ताक पर रख प्लॉट काटने की योजना है।
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हाल ही में सरकार ने सीएलयू की प्रक्रिया को बनाया आसान
राज्य सरकार ने हाल ही में सीएलयू की प्रक्रिया आसान करते हुए 45 दिनों में जारी करने का दावा किया है। सीएलयू के लिए विभाग की वेबसाइट पर अप्लाई किया जा सकता है। अधिनियम के प्रावधानों के तहत इंडस्ट्री लगाने के लिए सीएलयू मंजूरी के लिए 60 दिन तथा अन्य मामलों में 90 दिन होता था, जिसे 45 दिन किया गया है। पंजाब शेड्यूल्ड रोड्स एंड कंट्रोल्ड एरियाज रिसर्टिक्शन ऑफ अनरेगूलेटेड डेवेलपमेंट एक्ट, 1963 और उसके नियम, 1965 के तहत आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्य, संस्थागत, फार्म हाउस तथा मनोरंजक प्रयोग के लिए सीएलयू की मंजूरी देता है। विभाग की नीतियों का उद्देश्य शहरी विकास में एकीकृत योजना के तहत विभिन्न निजी डिवलेवर्स और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के बीच अच्छा कंपीटिशन खड़ा करना है। हरियाणा राज्य में शहरी विकास को विनियमित करने के लिए ग्राम एवं आयोजना विभाग एक नोडल विभाग है।
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कालोनी के साथ लगती जमीन पर अवैध रूप से कालोनी काटने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां पर मिंट्टी डाली गई है, जबकि इसके बाद तो कालोनी के रहने वालों के लिए मुसीबत बढ़ जाएगी। इस बारे में प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा है।
- रमेश कुमार, कुलदीप नगर कालोनी
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यदि यहां पर कालोनी काट दी जाती है, तो इसका लेवल ऊंचा हो जाएगा और सारा बरसाती पानी कुलदीप नगर कालोनी की ओर होगा। ऐसे में लाखों रुपये लगाकर बनाए गए मकानों पर संकट बढ़ जाएगा। ऐसी स्थिति में तो उनकी परेशानियां बढ़ जाएंगी।
- सुंदर लाल, कुलदीप नगर कालोनी
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यहां पर जिस तरह से कृषि की जमीन पर कालोनी काटने के प्रयास किए जा रहे हैं, वह गलत है। यह सब कालोनी के रहने वालों के लिए मुसीबत बढ़ेगी। बरसाती पानी निकासी के सारे रास्ते बंद हो जाएंगे।
- बलवंत सिंह, कुलदीप नगर कालोनी
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यह कृषि योग्य जमीन है, जिसका सीएलयू तक नहीं लिया गया है। सारे नियम ताक पर रखकर यह कालोनी काटी जा रही है। यह कुलदीप नगर कालोनी के लोगों के लिए खतरा पैदा करेगी। कालोनी काटने के बाद तो इसका लेवल ऊंचा हो जाएगा, जिससे पानी निकासी ही नहीं हो पाएगी।
- रवि चौधरी, कुलदीप नगर कालोनी