बिल पास हुआ तो जनता सीधे चुनेगी कैंटोनमेंट बोर्ड का उपाध्यक्ष
कैंटोनमेंट बोर्ड अंबाला (सीबीए) के चुनावों को लेकर हलचल हो चुकी है। दिग्गजों के वार्ड महिला आरक्षित हो चुके हैं जबकि उनको अपने लिए नई सिसासी जमीन को तलाशना होगा। यदि बिल में बदलाव हो जाता है तो सीबीए उपाध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता करेगी जबकि अभी तक चुने गए पार्षद ही उपाध्यक्ष को चुनते थे। सीबीए के चुनाव नवंबर में प्रस्तावित हैं जबकि इससे पहले लोकसभा में यदि बिल पास हो जाता है तो नए एक्ट के अनुसार ही चुनाव करवाने पड़ेंगे।
जागरण संवाददाता, अंबाला : कैंटोनमेंट बोर्ड अंबाला (सीबीए) के चुनावों को लेकर हलचल हो चुकी है। दिग्गजों के वार्ड महिला आरक्षित हो चुके हैं, जबकि उनको अपने लिए नई सिसासी जमीन को तलाशना होगा। यदि बिल में बदलाव हो जाता है, तो सीबीए उपाध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता करेगी, जबकि अभी तक चुने गए पार्षद ही उपाध्यक्ष को चुनते थे। सीबीए के चुनाव नवंबर में प्रस्तावित हैं, जबकि इससे पहले लोकसभा में यदि बिल पास हो जाता है, तो नए एक्ट के अनुसार ही चुनाव करवाने पड़ेंगे। ऐसे में चुनावी प्रक्रिया में कई बदलाव हो सकते हैं। इसी को लेकर दिग्गज भी इंतजार कर रहे हैं कि स्थिति क्या होती है।
उल्लेखनीय है कि सीबीए के चुनावों में 8 वार्डों में 28 हजार वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। हालांकि कार्यकाल साल 2020 में ही समाप्त हो गया था, लेकिन छह-छह माह का एक्सटेंशन मिल गया था। इसी को लेकर बुधवार को हुए ड्रा में वार्ड नंबर तीन, चार और छह महिला आरक्षित कर दिए गए हैं। इन में बोर्ड उपाध्यक्ष अजय बवेजा, वीरेंद्र गांधी तथा राजू बाली पार्षद थे। अब इनको अपनी अलग सियासी जमीन तलाशनी होगी। दूसरी ओर लोकसभा में नया बिल भेजा गया है। यदि इस बिल को पास कर दिया जाता है, तो सीबीए उपाध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता ही करेगी। लेकिन इसके साथ ही चुनाव प्रक्रिया में कुछ और बदलाव हो सकता है। ऐसे में जहां चुनावी हलचल शुरू हो चुकी है, वहीं अब इस बिल के पास होने का इंतजार किया जा रहा है। यदि नवंबर से पहले यह बिल लोकसभा में पास हो जाता है, तो माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा सकता है।