धरने के 15वें दिन जगी उम्मीद, मकानों की मरम्मत के लिए भरे गए फार्म

सालों से जिन मकानों में रह रहे हैं उसके मालिकाना हक के लिए परेड के लोगों का 15वें दिन भी धरना जारी रहा। बृहस्पतिवार को रोजना की तरह महिलाएं और पुरुष धरना स्थल पर तो पहुंचे मगर थोड़ी राहत थी। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और सीईओ के बीच हुई बातचीत के बाद से लोगों में कच्चे मकानों को पक्का करने की उम्मीद जगी। जरूरतमंद परिवार जो कड़ियों और छप्पर वाले मकानों में सालों से जीवन यापन कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 01:43 AM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 01:43 AM (IST)
धरने के 15वें दिन जगी उम्मीद, मकानों की मरम्मत के लिए भरे गए फार्म
धरने के 15वें दिन जगी उम्मीद, मकानों की मरम्मत के लिए भरे गए फार्म

जागरण संवाददाता, अंबाला : सालों से जिन मकानों में रह रहे हैं, उसके मालिकाना हक के लिए परेड के लोगों का 15वें दिन भी धरना जारी रहा। बृहस्पतिवार को रोजना की तरह महिलाएं और पुरुष धरना स्थल पर तो पहुंचे मगर थोड़ी राहत थी। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और सीईओ के बीच हुई बातचीत के बाद से लोगों में कच्चे मकानों को पक्का करने की उम्मीद जगी। जरूरतमंद परिवार जो कड़ियों और छप्पर वाले मकानों में सालों से जीवन यापन कर रहे हैं, उन्होंने अपने फार्म भी भरे। पहले दिन करीब 10 परिवारों ने मकानों की मरम्मत के लिए धरना स्थल पर ही फार्म जमा कराएं। जहां सभी घर के मुखिया से फार्म जमा कराने के बाद उन्हें मंत्री विज के निवास स्थान पर जमा कराया जाएगा।

सतीश, संदीप आदि का कहना था कि जमीन के मालिकाना हक के लिए उनका धरना जारी रहेगा। कई मकान ऐसे है जिनके मकानों की दीवारें गारे से तैयार हो रही है और कडि़यों व छप्पर की छत ही उनका सहारा है। कम से कम उनके मकानों की मरम्मत हो जाए तो कुछ राहत मिलेगी। सुबह से शाम तक परिवारों के मुखिया हक को लेकर धरने पर जमा रहे। 15वें दिन धरना स्थल पर सतीश, संदीप, महेश, गुलशन, प्रताप, हुकुमचंद, अश्वनी, काली आदि मौजूद रहे।

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