पीपीपी मोड पर नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने वाले मरीजों का ब्योरा भेजा मुख्यालय

शहर और छावनी सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर नागरिकों को निशुल्क मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का सच खंगालने के लिए राज्य स्तरीय टीम एक्शन मोड में है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 07:14 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 07:14 PM (IST)
पीपीपी मोड पर नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने वाले मरीजों का ब्योरा भेजा मुख्यालय
पीपीपी मोड पर नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने वाले मरीजों का ब्योरा भेजा मुख्यालय

जागरण संवाददाता, अंबाला : शहर और छावनी सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर नागरिकों को नि:शुल्क मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का सच खंगालने के लिए राज्य स्तरीय टीम एक्शन मोड में है। पंचकूला में पीपीपी मोड पर हार्ट सेंटर में मरीजों के इलाज के दौरान अधिक वसूली की शिकायत को गंभीरता राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसे लेकर अब राज्य के सभी अस्पतालों में सघन चेकिग के साथ मरीजों का फीड बैक लेकर कंपनी के रिकार्ड से मिलान करने के लिए ब्यौरा तैयार हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एमडी प्रभजोत सिंह के नेतृत्व वाली जांच कमेटी ने अंबाला छावनी के नगरिक अस्पताल में पीपीपी मोड पर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले हार्ट सेंटर, डायलसिस, सीटी स्कैन, एमआरआई और अंबाला शहर के सिविल अस्पताल में सीटी स्कैन सेंटर से छह महीने का ब्यौरा तलब किया। सिविल सर्जन अंबाला की तरफ से इन सभी चार सेंटरों की तरफ से लाभार्थी मरीजों का फ्री में हुए इलाज का ब्यौरा मुख्यालय भेज दिया गया। अब मुख्यालय से टीम के सदस्य सीधे मरीजों और उनके तीमारदारों से बात करके चेक करेंगे कि जो रिकार्ड में इलाज हुआ है क्या उसका सही लाभ पात्र मरीज को मिला है अथवा नहीं। अगर इसमें किसी तरह की अनियमितता सामने आती है तो संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ अनुबंध भी कैंसिल किया जा सकता है।

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- कैंट सिविल अस्पताल : सीटी स्कैन / एमआरआई के लिए बीएमआर डायग्नोस्टिक्स

- कैंट सिविल अस्पताल : डायलिसिस के लिए डीसीडीसी

- कैंट सिविल अस्पताल : मेडिट्रिना हार्ट सेंटर

- शहर सिविल अस्पताल : सीटी स्कैन

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बीपीएल श्रेणी और आयुष्मान के लाभार्थियों पर फोकस

सरकारी अस्पतालों में सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक नि:शुल्क अथवा निर्धारित धनराशि तक का इलाज और अप्रेशन की सुविधा बीपीएल श्रेणी और आयुष्मान के लाभार्थियों की सूची पर विशेष फोकस किया जा रहा है। ऐसा अंदेश है कि पीपीपी मोड पर सरकारी अस्पतालों में सेवा दे रही कंपनियां बीपीएल और आयुष्मान के लाभार्थियों का इलाज कम और सरकार से अधिक चार्ज वसूल रहीं हैं। दूसरे कई जिलों में पीपीपी मोड पर कार्य कर रहीं एजेंसियों की यह करतूत सरकार के संज्ञान में पहुंची, जिसके बाद क्रास चेक करने का निर्णय लिया गया।

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डायरेक्टर के निर्देश का पालन करते हुए जो भी जानकारी मांगी गई थी, उसे पंचकूला मुख्यालय भेज दिया गया है। अब आगे कैसे जांच होनी है यह उच्चस्तरीय अधिकारी ही बता सकते हैं।

- डा. कुलदीप सिंह, सिविल सर्जन अंबाला।

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