लालकुर्ती में एक पुराने मकान के कब्जे को लेकर दो पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप

छावनी बस अड्डे के निकट लालकुर्ती चौकी के पास एक पुराने मकान के मालिकाना हक को लेकर विवाद खड़ा हो गया। एक पक्ष ऊर्दू में लिखे 1930 की रजिस्ट्री से ही मकान अपने पूर्वजों के नाम होने का दावा कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 06:48 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 06:48 PM (IST)
लालकुर्ती में एक पुराने मकान के कब्जे को लेकर दो पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप
लालकुर्ती में एक पुराने मकान के कब्जे को लेकर दो पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी बस अड्डे के निकट लालकुर्ती चौकी के पास एक पुराने मकान के मालिकाना हक को लेकर विवाद खड़ा हो गया। एक पक्ष ऊर्दू में लिखे 1930 की रजिस्ट्री से ही मकान अपने पूर्वजों के नाम होने का दावा कर रहा है। जबकि दूसरे पक्ष ने 2016 में तरसेम से संपत्ति खरीदने के रजिस्ट्री व म्यूटेशन प्रस्तुत कर रहा है। पहले पक्ष के तिलकराज ने पुलिस अधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है।

लालकुर्ती निवासी तिलकराज शनिवार सुबह अपनी पुस्तैनी संपत्ति पर बदमाशों द्वारा जबरन कब्जा करने की शिकायत लेकर एसपी अंबाला कार्यालय पहुंचा। यहां एसपी के नहीं मिलने वाह डीएसपी और लालकुर्ती चौकी पहुंचकर बिल्डिग 1930 से ही अपने पूर्वजों के नाम होने का दावा प्रस्तुत किया। साथ ही आरोप लगाया कि राजीव शर्मा बदमाशों की मदद से मेरी संपत्ति पर कब्जा करना चाहते हैं। इस पर पुलिस ने जब संबंधित व्यक्ति से संपर्क किया तो पता चला कि 1930 में शिकायतकर्ता की मां ने बिल्डिग को बेची थी। इसके बाद भवन 1990 के दशक में घनश्याम और तरसेम के नाम हुई। इसके बाद एयरफोर्स से रिटायर सीताराम ने अपने बेटे राजीव शर्मा के नाम खरीदी। तभी से इस भवन को लेकर तिलकराज अधिकारियों के यहां शिकायत कर रहा है। राजीव शर्मा ने बताया कि शिकायत करने वाला व्यक्ति हमसे रुपये की मांग कर रहा है, इसलिए वह अधिकारियों और पुलिस में शिकायत कर रहा है।

वर्जन

यह तहसील का मामला है, राजीव शर्मा 2016 में रजिस्ट्री के कागज दिखा रहा है। अब रजिस्ट्री के अनुसार राजीव ही संपत्ति का मालिक है। ऐसे में उसे कैसे रोका जा सकता है। पुलिस शिकायत के आधार पर जांच कर रही है।

चंद्रभान, चौकी इंचार्ज, लालकुर्ती।

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