बढ़ती महंगाई पर भड़की एचडीएफ ने निकाला रोष मार्च

बढ़ती महंगाई के विरोध में बुधवार को हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट (एचडीएफ) ने अंबाला कैंट में रोष मार्च निकाला। झोटा बुग्गी पर एक्टिवा लेकर वर्करों ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का विरोध किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 08:15 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 08:15 AM (IST)
बढ़ती महंगाई पर भड़की एचडीएफ ने निकाला रोष मार्च
बढ़ती महंगाई पर भड़की एचडीएफ ने निकाला रोष मार्च

जागरण संवाददाता, अंबाला : बढ़ती महंगाई के विरोध में बुधवार को हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट (एचडीएफ) ने अंबाला कैंट में रोष मार्च निकाला। झोटा बुग्गी पर एक्टिवा लेकर वर्करों ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का विरोध किया। रोष मार्च अंबाला कैंट के बाजारों से होता हुआ सदर बाजार चौक पहुंचा। यहां पर एचडीएफ ने केंद्र सरकार का पुतला फूंका। रोष मार्च का नेतृत्व एचडीएफ की नेत्री चित्रा सरवारा ने किया।

चित्रा सरवारा ने कहा कि झूठे चुनावी वायदे करके सत्ता में आने के बाद भाजपा ने देश की अर्थव्यवस्था को धरातल पर ला दिया है। जीडीपी माइनस में जाने का रिकॉर्ड बना चुकी है जबकि गैस, डीजल, पेट्रोल के दाम आजादी के बाद के सर्वाधिक बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई, कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और किसानों पर जबरन तीन कृषि कानून थोपने के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसानों, वकीलों और समाजसेवियों को पुलिस जबरन उठाकर जेलों में ठूंस रही है। देश और प्रदेश के वर्तमान हालात ऐसे लग रहे हैं कि इस सरकार को देश के करोड़ों लोगों की जगह मात्र कुछ चहेते उद्योगपतियों की ही चिता है। नगर निगम हटाए कर्मियों का 17 वें दिन भी धरना जारी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: नगर निगम में हटाए कर्मियों का 17 वें दिन भी धरना जारी है। इस मौके पर संविदा कर्मियों ने नौकरी पर वापिस लेने की मांग की। हालांकि हटाए कर्मियों ने अपनी मांग से मेयर और आयुक्त को भी अवगत करा दिया है। इसके बाद भी अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है। हालांकि वीरवार को पंचायत भवन में सदन की बैठक में कांग्रेसी हटाए कर्मियों का मुद्दा उठाएंगे। वहीं धरने पर बैठे कर्मियों ने बताया कि निगम में लिपिक के करीब 46 पद स्वीकृत हैं। इन पदों पर संविदा कर्मी करीब 12 वर्ष से कार्यरत थे। मुख्यालय से करीब 30 स्थायी कर्मियों की नियुक्त हो गई। इसके बाद निगम में कार्यरत 16 संविदा कर्मियों को बगैर नोटिस के हटा दिया। जबकि नगर निगम में दो से तीन वर्ष पुराने कर्मियों को ड्यूटी पर रखा है।

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